तवांग, बौद्व धम्र गुरू दलाई लामा का कहना ह कि उनका उत्तराधिकारी ढूंढऩे की चीनी कोशिश सिर्फ बकवास है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह संस्थापन अब प्रासंगिक नहीं रहा तो इसे बंद किया जाना चाहिए।
दलाई लामा ने कहा तिब्बत के उद्देश्य को कमतर करने के लिए एसी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने वर्ष 1969 में ही कह दिया था कि तिब्बती लोग यह तय करेंगे कि दलाईलामा के संस्थान को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।
उन्होंने कटाक्ष कर कहा कि कोई नहीं जानता कि कौन और कहां से दलाई लामा आएंगे। मेरी मौत के समय कोई संकेत आ सकता है। लेकिन अभी ऐसा संकेत नहीं है। उन्होंने किसी महिला क अगला दलाई लामा बनने की संभावना को भी खारिज नहीं किया।
इधर,दलाई लामा ने कहा कि वह ट्रंप की अमेरिका पहले नीति से असहमत हैं। यह उस देश के अनुकूल नहीं है जो स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने अमेरिका के संरक्षणवाद से दूरी बनाने के लिए यूरोपीय संघ की तारीफ की।
भारत रत्न दिलाने का अभियान
इधर, राष्ट्राय स्वयंसेवक संघ ने दलाई लामा को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिए जाने के लिए अभियान शुरू किया है। यह अभियान 6 अप्रैल को शुरू हुआ। अभियान चलाने वाले आरएसएस के जिला नेता लुंडप चोसांग ने कहा, हमने पांच हजार लोगों के हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। हम 25 हजार हस्ताक्षर हासिल करने के बाद अपनी अर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे।