नई दिल्ली,आम चुनाव का बिगुल बजना अभी बाकी है मगर चुनावी शोरगुल की शुरुआत हो चुकी है। राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस इन दिनों भाजपा को नोटबंदी, जीएसटी और राफेल के मुद्दे पर तो घेर ही रही है साथ ही कर्जमाफी और न्यूनतम आय की बात कहकर मतदाताओं को लुभाने का भी प्रयास कर रही है। चुनाव से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा को सक्रिय राजनीति में लाना कांग्रेस पार्टी का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है। पार्टी ने उन्हें महासचिव बनाने के साथ-साथ उत्तरप्रदेश पूर्व का प्रभारी बनाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अनुसार प्रियंका की भूमिका केवल उत्तरप्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि वह पूरे देश में कांग्रेस के लिए काम करेंगी। राहुल गांधी ने आम चुनाव से लेकर अंतरिम बजट और प्रियंका की भूमिका पर अपनी बात रखी। उन्होंने अपनी बहन प्रियंका के सवाल पर कहा कि महासचिव होने के नाते प्रियंका गांधी की राष्ट्रीय भूमिका है, मैंने अभी उन्हें एक टास्क दिया है, पहले टास्क की सफलता पर दूसरा टास्क दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के पूर्वे हिस्से में पार्टी का विस्तार मेरा मकसद है। इसमें बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तरप्रदेश शामिल है। यह कोई छोटा काम नहीं है। इससे पहले 25 जनवरी को भुवनेश्वर में राहुल गांधी ने कहा था कि प्रियंका को लेकर किया फैसला 10 दिन में नहीं हुआ बल्कि सालों पहले ले लिया था। प्रियंका के बच्चे छोटे थे, इस वजह से देरी हुई। प्रियंका के विदेश से लौटने के बाद यह पहली बार है जब राहुल गांधी ने उनको लेकर कोई बात कही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं हो पाने के बाद कांग्रेस ने अकेले लड़ने का फैसला किया था। जिसको लेकर राहुल गांधी ने पार्टी को कम नहीं आंकने की बात कही थी। कांग्रेस ने पूर्वी उत्तरप्रदेश की 33 सीटों का जिम्मा प्रियंका गांधी को जबकि पश्चिम उत्तरप्रदेश की सीटों की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम संवैधानिक संस्थानों का सम्मान करते हैं। यह मामला अभी सुप्रीम सपोर्ट में लंबित है और मेरे लिए अभी इस समय उस पर कोई विचार देना सही नहीं होगा। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट जो फैसला लेगा वह कांग्रेस पार्टी और हम सब को स्वीकार होगा। यूपी में अकेले लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम विचारधारा के आधार पर चुनाव लड़ेंगे। हमारी विचारधारा और सपा-बसपा गठबंधन की विचारधारा में समानताएं हैं। मैं अखिलेश यादव और मायावती का सम्मान करता हूं। लेकिन अब कांग्रेस दम लगाकर चुनाव लड़ेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने अपने 15 साल के राजनीतिक जीवन में किसी भी नेता के खिलाफ विपक्ष की ऐसी एकजुटता नहीं देखी। यहीं नहीं अगर मैं मंत्रिमंडल में शामिल राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी समेत अन्य लोगों से बात करूंगा तो वो भी प्रधानमंत्री के काम करने के तरीके से खुश नहीं होंगे।
पीएम मोदी की अपनी दादी से तुलना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान होगा। जहां एक तरफ मेरी दादी के हर फैसले प्यार से भरे हुए थे वहीं नरेंद्र मोदी के हर फैसले का आधार नफरत है। उनके दिल में गरीबों के लिए प्यार नहीं है। किसानों को 6000 सालाना देना उनके साथ एक मजाक है। किसानों को 17 रुपए प्रतिदिन देना नाकाफी है। कांग्रेस शासित राज्यों ने किसानों की जो मदद की उसके सामने यह मदद कुछ भी नहीं है।