खनन माफिया के हौसले बढ़े, पहाड़ों को खोद कर निकाल रहे पत्थर

कोतमा,क्षेत्र के पथरौडी, डोंगारिया कला, रेरुला, पैरीचूआ, चंगेरी गांव के आस पास लामाटोला, बसखला, मौहरी, दैवंगवा, निगवानी एंव आसपास के वन एंव राजस्व हल्के की भूमि मे खनिज माफियाओ द्वारा रात-दिन पत्थरो का अवैध उत्खनन, परिवहन किया जा रहा है। खनन कार्य मे सुबह से लेकर देर रात तक बारुद का उपयोग भी धडल्ले से हो रहा है।
टूट रहे पहाड
ग्रामीणो के अनुसार क्षेत्र के खनन से जुडे लोगो द्वारा पथरौडी एंव डोंगरिया, पैरीचूआ चंगेरी गांव मे अवैध रुप से दिन भर पत्थरो का उत्खनन कर परिवहन किया जाता है जिसे गिट्टी, बोल्डर के रुप मे बनाकर क्षेत्र के क्रेशरों सहित अन्य जगहो मे खपाया जाता साथ ही बोल्डरो से भरे वाहन दिनभर सडको मे दौडते नजर आते है। रात दिन हो रहे अवैध खनन से पहाडो का सीना छलनी होता जा रहा है पहाडो मे खनन कर गिट्टिया तोडी जा रही है। कभी चारो ओर पहाडो से भरपूर रहे क्षेत्र मे धीरे-धीरे पहाड विलुप्त होते जा रहे है।
चंगेरी पैरीचुआ मे हो रहा है अवैध उत्खनन
नगर से महज दस किलोमीटर दूर पैरीचुआ चंगेरी के पास बने एक क्रेशर के पास अवैध उत्खनन खुले किया जा रहा है जिससे आसपास रहने वाले रहवासियो ने बताया कि ब्लास्टिंग इतनी तेज होती है कि इनके छोटे-छोटे पत्थर हमारे घरो मे आकर गिरते जिससे कभी भी बडी दुर्घटना होने से कोई भी नही बचा सकता है । अगर गांव वालो इसका विरोध करते है तो अपने पैसो के दम पर दादागीरी करके गरीबो को डरा धमका कर चुप करवा देते है जिससे हम गरीब लोग विरोध करने पर डरते है।
बारुद का विस्फोट
विदित रहे कि पथरौडी, निगवानी, कोठी, बिजुरी, डोंगरिया, राजनगर सहित आस पास का क्षेत्र छत्तीसगढ के नक्सली क्षेत्रो से भी जुडा है जो काफी संवेदनषील माना जाता है इसके बाद भी माफियाओ द्वारा खनन के लिये बारुद ंएंव डेटोनेटर का प्रयोग किया जाता है जो कि सुरक्षा से खिलवाड हो रहा है। खनन के लिये श्रमिको को गहराई वाले क्षेत्रो मे बारुद लगाने भेजा जाता है, बारुद के उपयोग से पूर्व मे भी क्षेत्र मे कई हादसे हो चुके है। लेकिन इसके बाद भी प्रषासन के जिम्मेदार प्रभावी कार्यवाही नही कर रहे है।
क्षेत्र हो गया खोखला
पत्थरो के खनन के कारण आसपास के क्षेत्र की षासकीय भwिम व वन भूमि से बडे पैमाने पर पत्थरो की चोरी होने के कारण क्षेत्र से खनिज संम्पदा पर संकट मडरा रहा है। साथ ही पर्यावरण को भारी नुकसान पहुच रहा है। खनिज अधिकारी कभी कभार खानापूर्ति की कार्यवाही करके चले जाते है। वो कार्यवाही भी माफियाओ के इशारे पर होना बताई जाती है।
अवैध क्रेशरो का संचालन
क्षेत्र के आसपास एक दर्जन से ज्यादा अवैध क्रेषरो का संचालन किया जा रहा है। प्रशानिक उदासीता का आलम यह है कि हाईवे रोड किनारे बेलिया फाटक के पास संचालित क्रेशर नियमो की धज्जिया उडा रहे है जो वाहन चालको को बीमारी परोसने के साथ उडते डस्ट से दुर्घटना की आंषका बनी रहती है। क्षेत्र के कई क्रेशरो मे बिना भंडारण अनुमति के ही पत्थरो का अवैध स्टाक किया जाता है। जिनके खिलाफ कार्यवाही नही हो पा रही है।
इनका कहना है-
नियमित क्षेत्र भ्रमण किया जाता है। अवैध उत्खनन एंव परिवहन के खिलाफ सतत कार्यवाही होती है। क्रेशरो के निरीक्षण मे खामिया पाए जाने पर कार्यवाही के साथ नोटिश जारी किया जाता है।
राहुल शांडिल्य खनिज अधिकारी कोतमा

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