रायपुर,रविवार सुबह 7 लोगों को मौत के घाट उतार उनके शवों को छुपाने वाला सीरियल किलर अरण चंद्राकर मोहल्ले के लोगों के हत्थे चढ़ गया। वह साधु के वेश में फरारी काट रहा था। अरण ने रायपुर में 6 और दुर्ग के नंदिनी में 1 हत्या की थी। रायपुर में की गई हत्याओं के मामले में उसे दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। परंतु 1 मई 2018 को दुर्ग कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते समय वह पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी सहित फरार हो गया था। एसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि रविवार को अरण की बेटी का जन्मदिन था। वह महाराष्ट्र के गोंदिया में साधु बनकर फेरारी कार रहा था। बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए वहां आया था। इसी बीच मोहल्ले की युवक अनिकेत ग्रुप और अरण की साली ने उसे देख लिया। इस बारे में सबको जानकारी मिलते ही लोगों ने उसे दबोच लिया और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी।
बता दे कि जनवरी 2012 में कुकुरबेड़ा में एक बच्ची के गायब होने के बाद जांच के दौरान इन हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ था। आरोपी ने पत्नी लिली चंद्राकर, मामा ससुर संजय, साला अखिल देव और उसकी पत्नी पुष्पा देवांगन की हत्या कर शव को घर के कमरे में ही दफना दिया था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसने तीन और हत्याओं का पर्दाफाश किया था। उसने बताया कि उसने अपने पिता, हीरापुर बस्ती के रहने वाले मकान मालिक बहादुर सिंह और दुर्ग के नंदिनी में एक महिला को भी मौत के घाट उतारा था। अरण की निशानदेही पर पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से मृतकों के कंकाल बरामद किया था। दरअसल सीरियल किलर अरण के दिमाग पर नोएडा का निठारी हत्याकांड हावी था। वह इसी हत्याकांड से जुड़ी खबरों को देखता रहता था। पहली हत्या करने के बाद उसे जिस पर भी मामले का पर्दाफाश करने का शक होता है, वह उसे मौत के घाट उतार देता था। उसे लगता था कि किसी को शव नहीं मिलेगा, तो कोई उसे पकड़ नहीं पाएगा। आरोपी ने यह बातें पहली बार हुई गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को दिए बयान में बताई थी। आरोपी ने यह बताया कि उसने कुछ लोगों को तो बेहोशी की हालत में ही जिंदा दफन कर दिया था। उसने ही बताया कि उसने अपने पिता को ट्रेन से धक्का देकर मार डाला।