कभी कोचिंग के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे, आज है हर्षल चौधरी पीएससी का टॉपर

भोपाल, जज्बा हो तो क‎ठिन से क‎ठिन प‎रि‎स्थि‎तियों को पार कर सफलता हा‎सिल की जा सकती है। ऐसा ही कुछ कर ‎दिखाया मंडला के हर्षल चौधरी ने। ‎‎जिन्होंने राज्य सेवा परीक्षा 2018 में 1575 में से 1023 अंक लेकर टॉप ‎किया। हर्षल ने पहले प्रयास में ही यह रैंक हा‎सिल की है। इस कामयाबी के पीछे की कहानी बताते हुए हर्षल कहते हैं ‎कि कभी उनके पास को‎चिंग के ‎लिए पैसे भी नहीं हुआ करते थे उस वक्त साल 2009 में कड़े संघर्ष के बाद एआइइइइ पास की और रायपुर एनआईटी से इंजी‎निय‎रिंग की। ‎जिसके बाद साल 2013 में कोल इं‎डिया ‎लि‎मिटेड में नौकरी की। ले‎किन साल 2017में पूरा फोकस राज्य ‎सि‎विल सेवा पर ‎किया। ज्यादातर पढ़ाई इंटरनेट पर ही की। वहीं आ‎खिर के एक महीने में इंदौर जाकर को‎‎चिंग की, ‎जिससे काफी मदद ‎मिली। बता दें ‎कि हर्षल के ‎पिता ‎जितेंद्र चौधरी मंडला में आटा चक्की चलाते हैं। घर की आ‎र्थिक हालत मजबूत न होने के कारण कड़े संघर्ष के बाद भी हर्षल ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। जो ‎कि सभी के ‎लिए एक बेहतर उदाहरण है।
वहीं राज्य ‎सि‎विल सेवा में रचना शर्मा ने 976 अंक और राजनंदिनी शर्मा ने 975 अंक हा‎सिल कर दूसरा और तीसरा नंबर हा‎‎सिल ‎किया है। कुल 298 पदों के लिए 31 दिसंबर से 23 जनवरी तक इंटरव्यू हुए थे। इसमें 895 अभ्यर्थी शामिल हुए। बता दें ‎कि एमपी पीएससी राज्य सेवा मुख्य परीक्षा पिछले साल जुलाई माह में हुई थी। ले‎किन कई कारणों से परीक्षा से पहले 365 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया था। ये वे छात्र हैं जो रिजल्ट में आपत्ति के बाद हुए बदलाव के चलते कट ऑफ सूची में पीछे हो गए थे। दरअसल 18 फरवरी को पीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। उसमें से चयनित हुए अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला था। मुख्य परीक्षा पिछले साल ही जुलाई में हुई थी।
ये हैं टॉप-10 स्टूडेंट्स
हर्षल चौधरी 1023, रचना शर्मा 976, राजनंदिनी 975, मयंक तिवारी 974, रवींद्र परमार 967, किरण अंजाना 963, शिवाली सिंह 956, भाग्या त्रिपाठी 954, कृतिका भीमावद 954, लक्ष्मीनारायण गर्ग 952 अंक।

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