IAS-IPS अफसर संपत्तियों का खुलासा करने से बच रहे

नई दिल्ली, देश में सैकड़ों आईएएस-आईपीएस अफसर संपत्तियों के हिसाब-किताब से जुड़ा अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं भर रहे हैं। अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अफसरों के लिए हर साल रिटर्न भरने का सख्त नियम है। जमीन,जायदाद और मकान आदि से जुड़े इस अचल संपत्ति रिटर्न को भरने में फेल होने पर विजलेंस क्लीयरेंस और प्रमोशन आदि के लाभ से वंचित करने की चेतावनियों को भी अफसर दरकिनार कर दे रहे हैं। वर्ष 2018 के लिए अचल संपत्तियों का रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जनवरी है। मगर अब तक साढ़े पांच हजार से ज्यादा आईएएस-आईपीएस अफसरों ने रिटर्न नहीं भरे हैं। दो हजार से ज्यादा आईएएस-आईपीएस तो ऐसे हैं, जिन्होंने 2014 से लेकर 2017 तक के रिटर्न भी नहीं भरे हैं।
डीओपीटी के नियमों के अनुसार इन अफसरों पर डिफॉल्टर होने का ठप्पा लग चुका हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग(डीओपीटी) के निर्धारित प्रोफार्मा पर वह सूचनाएं ही नहीं उपलब्ध करा रहे हैं।
DOPT से मिले आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2014 में अर्जित संपत्तियों का 1164 आईएएस अफसरों ने रिटर्न ही नहीं दाखिल किया। इसके अलावा 2015 का 1137 आईएएस ने ब्यौरा नहीं दिया। इस बीच सरकार ने कुछ सख्ती बरती तो सुस्त पड़े आईएएस अफसरों ने प्रापर्टीज की जानकारी देनी शुरू की। फिर भी 592 आईएएस डिफॉल्टर रहे। इसी तरह 2017 के लिए 715 अफसरों ने संपत्तियों की जानकारी नहीं दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *