मिशेल की जमानत पर फैसला सुरक्षित, सीबीआई कोर्ट 22 को सुनाएगी फैसला

नई दिल्ली,अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर करार के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत 22 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी। मिशेल के वकील की तरफ से सुनवाई के दौरान बीमारी और जांच में सहयोग की दलील दी गई है, लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया। इस दावे पर सीबीआई की तरफ से कहा गया कि वह जांच में सहयोगी नहीं रहा है और अभी इस मामले में काफी कुछ पड़ताल होनी बाकी है। मिशेल के वकील अल्जो के जोसेफ ने अदालत में कहा मिशेल कमजोर हो गया है। सीबीआई की अपील पर वह दुबई में पांच महीनों से हिरासत में था। हम किसी भी हालत में जमानत के लिए तैयार हैं। अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसके साथ ही मिशेल के बचाव में दलील दी गई कि वह डिस्लेक्सिया इस बीमारी में व्यक्ति को पढ़ने और शब्दों या चिन्हों की व्याख्या करने में पेरशानी आती है, नाम की बीमारी से ग्रसित हैं, बावजूद इसके उससे जबरदस्ती ‘कर्सिव राइटिंग’ में लिखने को कहा जा रहा है।
कोर्ट में सीबीआई ने बताया मिशेल की पहुंच बहुत ऊपर तक है और वह इतना असरदार है कि सबूत मिटाने की कोशिश कर सकता है। यहां तक कि प्रत्यर्पण से पहले उसने दुबई से फरार होने के भी प्रयास किए। ऐसा कहते हुए सीबीआई ने मिशेल को जमानत देने का विरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब कोर्ट 22 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा।
बता दें कि बीते 4 दिसंबर को मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पण कर दिल्ली लाया गया था। दिल्ली लाने के बाद मिशेल को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया था, जहां से सीबीआई को पूछताछ के लिए मिशेल की 5 दिन की कस्टडी दी गई थी। पांच दिन तक पूछताछ के बाद सीबीआई ने कोर्ट से 4 दिन की रिमांड और मिल गई थी। विशेष न्यायाधीश ने 15 दिसंबर को सीबीआई को 19 दिसंबर तक मिशेल से पूछताछ करने की इजाजत दी थी। बता दें कि 2012 में मिशेल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में सौदा कराने और भारतीय अधिकारियों को अवैध रूप से लाभ प्रदान करने वाले तीन बिचौलियों में से एक के रूप में सामने आया था। अन्य दो बिचौलियों के नाम राल्फ गिडो हैस्के और कार्लो गेरोसा है। यह पूरा सौदा 3,600 करोड़ रुपये का था।

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