नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रैल से बीएस-3 केटेगेरी के वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी है। अदालत 31 मार्च के बाद ऐसे वाहन बेचे जाएं या नहीं इस पर सुनवाई कर रही थी। अदालत अपने रूख कायम है और उसका कहना है कि आम लोगों की सेहत अच्छी रहे यह अधिक आवश्यक है ना कि ऑटोमोबाइल कंपनियों का फायदा।
अदालत ने साफ कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हर हाल में बंद करना होगा ताकि सडकों पर लोगों की सेहत से किसी तरह का समझौता न हो। अभी अॅटोमोबाइल कंपनियों के स्टॉक में करीब 8.5 लाख गाडियां बीएस-3 मानकों की हैं,जिनमें अकेले 6 लाख मोटर साईकिलें हैं। इस तरह एैसे उपलब्ध वाहनों की कुल कीमत 12 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है।
इस मामल की सुनवाई जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ में की गई,जबकि इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की ओर से वरिष्ठ वकील सिंघवी का कहना था कि कंपनियां ने बीएस-4 वाहनों का निर्माण शरू कर दिया है,लेकिन उन्हें उपलब्ध स्टॉक को खत्म करने का समय मिलना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उन्नयन पर हजारों करोड़ रुपये खर्च हुए हैं,इस लिए बीएस-3 मानक के वाहनों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जा सकती।