कैप्टन को काला तीतर भेंट करने के मामले में सिद्धू एडब्ल्यूबीआई के फेर में फंसे

चंडीगढ़, पंजाब के सीएम मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को काला तीतर भेंट करने के एक मामले में पूर्व क्रिकेटर और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर नए विवाद में घिर गए हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को काला तीतर गिफ्ट करने के मामले में सिद्धू को भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए 3 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। सिद्धू ने गत 12 दिसंबर को भूसा भरा यह काला तीतर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भेंट किया था। यह पक्षी सिद्धू को एक पाकिस्तानी पत्रकार ने तब भेंट किया था जब वह करतापुर गलियारे की नींव रखने के समारोह में भाग लेने पाकिस्तान गए थे। समारोह में हिस्सा लेकर स्वदेश लौटने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री से मिलने गए थे, जहां उन्होंने यह गिफ्ट दिया था। काला तीतर को गिफ्ट किए जाने के खिलाफ पशुप्रेमियों ने वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो में शिकायत देकर पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कथित तौर पर भूसा भरा काला तीतर रखकर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की मांग की थी। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाला एक सांविधिक निकाय है और यह संगठित वन्यजीव अपराधों पर कार्रवाई करता है।
मामला सामने आने के बाद वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने वन विभाग के महानिदेशक, दिल्ली के मुख्य सचिव, वन विभाग (वन्य जीवन) दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक और चंडीगढ़ के वाइल्डलाइफ वार्डेन के प्रमुख को इस मामले में पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम (प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनीमल्स एक्ट) के तहत उनके खिलाफ एक्शन के लिए 3 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। दूसरी ओर, मिली जानकारी के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वन्यजीव विभाग से यह जानकारी मांगी है कि क्या वह इस पक्षी को रख सकते हैं।
इससे पहले वन्यजीव कार्यकर्ता नरेश कादियान ने शुक्रवार को कहा था, सिद्धू द्वारा वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन किए जाने के लिए मैंने वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो में शिकायत की है। इसी तरह की शिकायत लुधियाना निवासी और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के पशु कार्यकर्ता संदीप जैन ने भी दर्ज कराई जिसमें उन्होंने इस मामले की जांच और सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जैन ने अपनी शिकायत में कहा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत काला तीतर एक संरक्षित प्राणी है।

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