भोपाल,हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी वचन पत्र में किए गए वादों पर अमल करने की तैयारी शुरु हो गई है। इसमें कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, जिसकी तैयारी अभी से प्रारंभ हो चुकी है। मध्य प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी का पूरा प्रबंधन पंजाब के मॉडल पर होगा। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर और पोर्टल बनाया जाएगा। इसमें 50 लाख किसानों का डाटा बेस हजारों बैंक शाखाओं से अपलोड होगा। पंजाब में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नेंस रिफॉर्म्स ने इसके लिए पोर्टल बनाया था। मध्य प्रदेश में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग ने मध्य प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (मैपआईटी) के प्रबंध संचालक को कम से कम तीन अधिकारियों की टीम चंडीगढ़ भेजने के निर्देश दिए हैं। कुछ दिन पहले मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने वहां का दौरा किया था।
कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही यह तय हो चुका है कि सबसे पहला कदम किसानों की कर्जमाफी का उठाया जाएगा। इसके मद्देनजर शासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कुछ दिन पहले मंडी बोर्ड के अधिकारियों को पंजाब के मॉडल का अध्ययन करने भेजा गया था। इन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।वहां सूचना प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्था लागू की गई है। किसानों के ऊपर चढ़े कर्ज का संपूर्ण ब्योरा इस पोर्टल में होगा। इसके आधार पर तय होगा कि किस किसान को कितनी कर्ज माफी मिलेगी। किसानों को कर्ज माफी के बाकायदा प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। इसको लेकर कार्यक्रम होंगे, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी ने अपना वचन निभाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की प्रदेश की किसानों के कर्ज माफी की घोषण गेम चेंजर साबित हुई है। इसी घोषणा की बदौलत कांग्रेस ने आज मध्य्रप्रदेश में सत्ता में वापसी की है। यही वजह है कि वह सबसे पहले प्रदेश के लाखों किसानों से किया गया यह वादा पूरा करने को लेकर वचनबदध है।
MP में किसानों की कर्ज माफी का पूरा प्रबंधन पंजाब राज्य के मॉडल पर होगा, तैयारी प्रारंभ
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