भोपाल,मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम धर्म की राजनीति नहीं करते लेकिन धर्म को मानते हैं। उनहोंने कहा कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात हमने कभी नहीं कही। ना ही हमारी ऐसी कोई मंशा है और ना ही मन है। कमलनाथ ने कहा मैंने मैंने कभी नहीं कहा कि हमें संघ को निपटाना है। मैंने तो कहा था संघ से सावधान रहें क्योंकि उनकी बांटने की राजनीति है। हमारे देश की संस्कृति जोड़ने की है, हम दिल जोड़ते हैं संबंध जोड़ते हैं। सभी जाति धर्म को जोड़ते हैं। पीसीसी चीफ ने कहा सरकारी इमारतों में आरएसएस की शाखा लगाने या सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के संघ की शाखा में जाने पर प्रतिबंध की केंद्र की नीति है। उमा भरती और बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्रित्वकाल में भी ये नीति जारी रही।
कमलनाथ ने कहा हम धर्म की राजनीति नहीं करते लेकिन धर्म को मानते हैं। छिंदवाड़ा में हमने विशाल हनुमान मंदिर बनाया, लेकिन तब मीडिया ने ख़बरों में उसे महत्व नहीं दिया। लेकिन जब राहुल गांधी मंदिर जाते हैं तो उसे इश्यू बना दिया जाता है। पीएम मोदी के उन्हें 10 जनपथ का सबसे बड़ा दरबारी कहने पर कमलनाथ ने कहा, कुछ भी कहें मोदीजी लेकिन वो किसानों की बात क्यों नहीं करते? नौजवानों की बात क्यों नहीं करते? कमलनाथ की बात क्यों करते हैं। मोदीजी के पेट में क्यों दर्द हो रहा है कि छिंदवाड़ा जाकर मेरे बारे में बात कर रहे हैं? कमलनाथ ने पार्टी में गुटबाज़ी की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस में पूरा संगठन एकजुट है। मज़बूत है और हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने मुझसे कहा मध्य प्रदेश में चुनौती है, वहां जाओ, इसलिए मैं यहां आया। कांग्रेस में सेकेंड लाइन लीडरशिप भी है। राहुल ने कहा था हमें नये पुराने सबकी ज़रूरत है। आडवाणी जी तरह घर बैठाए जाने की परंपरा कांग्रेस में नहीं है।