( मध्यप्रदेश चुनाव 2018 विशेष )सीहोर,प्रान्त की राजधानी भोपाल का समीपवर्ती जिला होने की वजह से हमेशा से ही जिले का विशेष महत्त्व रहा है,वर्तमान में सीहोर जिले में चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं। शुरुआत में सीहोर जिले में केवल बुधनी और सीहोर विधानसभा क्षेत्र आते थे, इन्हीं में आष्टा एवं इछावर तहसील भी आते थे। बाद में आष्टा और इछावर तहसील को विधानसभा क्षेत्र बना दिया गया था।
सीहोर विधानसभा के चुनाव पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इसी जिले की सीट से जीत का स्वाद चख चुके हैं। आजादी के बाद राजधानी भोपाल सीहोर जिले के हुजुर तहसील का ही हिस्सा रही है।1972 में सीहोर से अलग कर भोपाल बनाया गया।साल 2005 में सीहोर में 8 तहसीले बनाई गई।मध्यप्रदेश का गठन होने के अगले वर्ष 1957 में सीहोर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बना था, जिसके प्रथम विधायक इंडियन नेशनल कांग्रेस के उमराव सिंह बने थे।सन 72 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने वाले अजीज कुरैशी बाद में उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल बने हैं तो प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा भी 1980 के चुनाव में सीहोर विधानसभा प्रत्याशी के रूप में जीते थे।
बुधनी :
बुधनी विधानसभा सीट से विधायक शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वे 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। चौहान राज्य में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे 1991 से पांच बार विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए भी चुने जा चुके हैं। फिलहाल वे राज्य विधानसभा में सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।शिवराज चार बार लोकसभा के लिए चुने गए और वे लोकसभा तथा संसद की कई समितियों में भी रहे। चौहान 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी रहे। दिसंबर, 2003 में भाजपा ने विधानसभा चुनावों में अपूर्व सफलता पाई थी और उस समय उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वे राघौगढ़ विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। 2013 चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा और बुधनी दोनों सीटों से जीतने में कामयाब रहे।शिवराज ने बुधनी से कांग्रेस के महेंद्र सिंह चौहान को 84,805 मतों से हराया। विदिशा सीट पर शिवराज ने कांग्रेस के शशांक भार्गव को 16,966 मतों से शिकस्त दी। 2008 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के महेश राजपूत को 40000 वोटों से हराया था। शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर तो साल 1990 से शुरू हुआ जब वह बुधनी विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए लेकिन उनके विधानसभा करियर की बात की जाए तो उनका करियर साल 2005 में उस वक्त शुरू हुआ जब वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हुए। प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही मानो उनका करियर चमक गया और 29 नवंबर साल 2005 को उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।साल 2005 से मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज का सफर बदस्तूर जारी है। शिवराज को राज्य की जनता ने मामा का दर्जा दिया हुआ है।
इच्छावर :
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले सीहोर की इच्छावर विधानसभा का इतिहास दोहराया जाता है बस पात्र बदल जाते है। यही कहावत सीहोर जिले के इछावर विधानसभा सीट पर फिलहाल चरितार्थ हो रही है। पहले जहाँ 23 वर्षों से कांग्रेस मे टिकट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रहती थी। कांग्रेस प्रत्याशी का चयन पार्टी को अंतिम समय मे करना पड़ता थाभाजपा का 1985 से लहराया ध्वज सीधी-सीधी टक्कर मे कांग्रेस के शैलेन्द्र पटेल के आगे सन् 2013 मे झुक गया। 744 के काफी कम मतों के अंतर से पटेल भाजपा के विजयी रथ को थामने मे सफल तो रहे लेकिन विपक्ष मे होने के कारण चुनौतियों का भी पसीने से ही आचमन करना उनके लिए मजबूरी बन गया। 2013 के चुनाव में पटेल ने भाजपा के करणसिंह वर्मा को 744 वोटों के काम अंतर से हराया था। 2008 के चुनाव में करणसिंह वर्मा ने कांग्रेस के बलवीर तोमर को 18152 वोटों से हराया था।
सीहोर :
राजधानी भोपाल की सीमा से सटा सीहोर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस को कभी रास नहीं आया। यहां 1977 के चुनाव से लेकर अब तक के हुए चुनावों में कांग्रेस ने हमेशा जीत की उम्मीद से नए चेहरों को प्राथमिका दी। लेकिन कांग्रेस के इन नए चेहरों को जनता का साथ नहीं मिला और वे चुनाव हार गए। राजधानी से सबसे नजदीकी वाला जिला सीहोर 1977 से पहले इछावर विधानसभा क्षेत्र के साथ था तब तक इस क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ही चुनाव जीतते रहे1 लेकिन 1977 में सीहोर और इछावर पृथक क्षेत्र हो गए तब पहला चुनाव कांग्रेस के अजीज कुरैशी और जनता पार्टी की सविता वाजपेयी ने चुनाव लड़ा। इसमें सविता वाजपेयी ने कांग्रेस के कुरैशी को पटकनी देते हुए चुनाव जीत लिया।वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर चेहरा बदलते हुए अमरचंद्र रोहिला को अपना नया उम्मीदवार बनाया जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुन्दरलाल पटवा ने हरा दिया। कांग्रेस ने 1985 में इस बार फिर चेहरा बदला और पत्रकरिता से जुड़े शंकरलाल साबू को अपना उम्मीदवार बनाया।साबू क्षेत्र के विख्यात पत्रकार थे। इसका लाभ कांग्रेस को मिला और वे उनकी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए चुनाव जीत लिया था। सीहोर सीट बनने के बाद चार बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है तो भारतीय जनसंघ एवं जनता पार्टी के एक- एक विधायक भी सीहोर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि दो बार स्वतंत्र उम्मीदवारों का कब्जा इस सीट पर रहा है।सर्वाधिक पांच बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया है।सीहोर विधानसभा में वर्तमान विधायक सुदेश राय ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विजयश्री हासिल की थी।उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी श्रीमती उषा रमेश सक्सेना को 1626 वोट के अंतर से हराया था।वर्ष 1993 से 2008 तक जिले के वरिष्ठ सहकारी नेता रमेश सक्सेना का एकक्षत्र राज रहा है।हालांकि वर्ष 93 में वह स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में विधायक में बने थे।बाद में वह भाजपा में शामिल हुए और लगातार तीन बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कराई थी।सीहोर विधानसभा सीट बनने के बाद दो बार के चुनाव में लगातार इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हुए थे।पहले चुनाव में उमराव सिंह तो अगले विधानसभा चुनाव में इन्मायत उल्ला खान ने जीत हासिल की थी।इसके बाद 67 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के राजमल मेवाड़ा विधायक पद के लिए निर्वाचित हुए थे।२००८ के चुनाव में कांग्रेस के दुर्गालाल विजय को भाजपा के रमेश सक्सेना ने 10902 मतों से हराया था।
आष्टा :
आष्टा विधानसभा में बीजेपी के विजय रथ को कांग्रेस रोक नहीं पा रही है।..बीते चार विधानसभा चुनावों से बीजेपी का कमल खिलता आ रहा हैसीहोर जिले की आष्टा विधानसभा वैसे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में आती है।लेकिन फिर भी बिजली,पानी और सड़क के लिए तरस रही है जनता ।2013 के चुनाव में भाजपा के रंजीत सिंह गुणवान ने कांग्रेस के गोपाल सिंह इंजीनियर को 5504 मतों से हराया था जबकि 2008 के चुनाव में रणजीत सिंह ने गोपाल सिंह चौहान को 18906 वोटों से हराया था जीत का प्रतिशत काम होने का असर इस चुनाव में पद सकता है।