नई दिल्ली,आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 नजदीक आ रहा है। इसको लेकर दुनियाभर की टीमें अपने बेहतरीन खिलाड़ियों को तराशने में जुटी हुई हैं। इस रेस में टीम इंडिया भी शामिल है। इसमें सबसे अधिक चर्चा रवींद्र जडेजा की हो रही है। कप्तान विराट कोहली, चयनकर्ता और बीसीसीआई इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ियों की खोज में जुट गए हैं। ऑलराउंडर को लेकर टीम इंडिया की असमंजस की स्थिति है। पिछले काफी समय से हार्दिक पंड्या ने खेल के सभी फॉर्मेट्स में अपने दमदार प्रदर्शन से इस कमी को पूरा करने की कोशिश की, लेकिन हाल-फिलहाल वह चोटिल होने की वजह से टीम से बाहर है। ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में रवींद्र जडेजा धमाल मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, लेकिन क्या वह सभी फॉर्मेट्स में स्पेशलिस्ट कहलाने का दम रखते हैं।
यकीनन रवींद्र जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम और पांचवें वनडे में 9.5 ओवर में 34 रन चार विकेट लिए और इसके साथ ही ऑलराउंडर की बहस फिर से शुरू हो गई है। हालांकि इंग्लैंड के हालातों में टीम के पास एक से अधिक ऑलराउंडर होंगे, तो टीम को बहुत फायदा मिल सकता है। बहरहाल, वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज जीतने के बाद कप्तान कोहली ने ऑलराउंडर को लेकर कहा कि जब हार्दिक (पंड्या) फिट होकर खेलने के लिए सही हो जाता है, तो आपको देखना होगा कि वर्ल्ड कप में आप किस संयोजन के साथ जाना चाहोगे।
अगर हार्दिक फिट होता है, तो केदार भी स्पिन विकल्प बन सकता है। हार्दिक के फिट होने से आपको चार तेज गेंदबाजों के विकल्प भी मिलते हैं, जिसमें केदार और एक अन्य स्पिनर हो सकता है। कोहली ने आगे कहा कि आपको एक और स्पिन विकल्प की जरूरत हो सकती है और ऐसे में जडेजा भी अहम बन सकते हैं। मुझे लगता है कि उसने टेस्ट मैचों में भी गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है। यकीनन वह अपने खेल को बखूबी समझता है। उसने खुद पर काफी मेहनत की है,खासकर सफेद गेंद से। जडेजा ने साल 2018 में सिर्फ चार टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 21.55 के औसत से 18 विकेट लिए हैं। यह अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है, लेकिन वह नियमित तौर पर प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं रहते हैं। हालात कुछ ऐसे हैं कि इंग्लैंड दौरे पर तो उन्हें सीरीज के आखिरी और पांचवें टेस्ट में मौका मिला था। यह अलग बात है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ वह दोनों टेस्ट खेले। जबकि, वनडे क्रिकेट की बात करें तो वह इस साल 8 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24.57 के औसत से 14 शिकार किए हैं। लेकिन पिछले तीन साल (2015, 2016 और 2017) में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। 2015 में उनका गेंदबाजी औसत 49.50, 2016 में 85.66 और 2017 में 60.12 रहा था और इस दौरान वह 27 मैचों में सिर्फ 21 विकेट ले सके थे। जबकि, उनका इकोनॉमी रेट 5 से ज्यादा था। जुलाई 2017 से टी20 टीम से बाहर चल रहे जडेजा का वनडे टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का सीधा सा मतलब यजुवेंद्र चहल का पत्ता साफ होना है, जो कि इस वक्त सीमित ओवर क्रिकेट के स्टार गेंदबाजों में शामिल हैं। खैर, 39 टेस्ट, 144 वनडे और 40 टी20 खेलने वाले जडेजा वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में कितने फिट बैठते हैं, यह देखने वाली बात है। इससे पहले 6 दिसंबर को 30वां जन्मदिन मनाने जा रहे जडेजा को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की कठिन चुनौतियों में खुद को साबित करना है। हां, उनका बल्लेबाज़ी दमखम बहुत मायने रखता है।