भिलाई, दुर्ग जिले की सभी छह सीटों पर विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमा गया है। भाजपा व कांग्रेस सहित दीगर राजनीतिक पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के लिए गुणा भाग में जुट गए हैं। भाजपा व कांग्रेस पार्टी बागियों को मनाने में जुट गई है। बागियों के मैदान में बने रहने से परिमाम में उलटफेर को संभावनाओं से दोनों ही पार्टी सशंकित है। 5 नवंबर तक नाम वापसी की समयावधि निश्चित है। इससे पहले पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वालों को मनाकर नाम वापसी कराने की जवाबदारी संगठन के नेताओं को दे दी गई है।
इस बीच बागियों को अपने पक्ष में लाने की दिशा में भी प्रयास शुरू हो गया है। राष्ट्रीय पार्टियों के द्वारा छोटी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों से भी समर्थन लेकर नाम वापसी कराने की पह हो रही है। वहीं अपनी ही पार्टी के बागी रूख अपनाने वालों की नाराजगी दूर करने का प्रयास भी भाजपा और कांग्रेस ने तेज कर दिया है। इसके लिए बड़े व सम्मानीय नेताओं का सहारा लिया जा रहा है।
भाजपा और कांग्रेस से जिले के वैशाली नगर विधानसभा में सबसे अधिक नामांकन दाखिल किए गए हैं। इस तरह की स्थिति अजा सुरक्षित अहिवारा विधानसभा में भी है। अब जब दोनों ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के नाम पर बी फार्म जमा हो चुका है तो अन्य दावेदारों की समयावधि के भीतर नाम वापसी सुनिश्चित नही होने की स्थिति में चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकता है। लिहाजा दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी और उनके करीबी समर्थकों के साथ संगठन के नेता इस कोशिश में लगे हुए हैं कि बागियों को समय रहते मना लिया जाए।
गौरतलब रहे कि वैशाली नगर से कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा में अप्रत्याशित विलंब के चलते टिकट की दौड में शामिल रहे कई नेताओं ने नामांकन दाखिल कर दिया है। भाजपा से भी विद्यारतन भसीन को प्रत्याशी घोषित करने में विलंब हुआ। लिहाजा भाजपा से टिकट के दावेदार रहे कुछ नेताओं ने नामांकन पेश किया है। अहिवारा विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताते हुए भी बागी रूख अपनाकर नामांकन जमा करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। हालांकि इनमें से ज्यादातर की स्थिति ऐसी नहीं है कि वे चुनाव जीत जाए लेकिन उनके मैदान में बने रहने से परिणाम के उलटफेर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि बागियों को मनाने में दोनों ही पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
चारुलता पर टिकी सबकी निगाहें
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय की भाभी चारुलता पांडेय केवैशाली नगर के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने केबाद उनके आगे की रूख पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। चारुलता के पति राकेश पांडेय वैशाली नगर से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन टिकटनहीं मिलनेपर पूरा जिला व मंडल संगठन का रूख बगावती हो गया था। इस बीच सुश्री पांडेय ने राकेश पाडेंय के साथ संगठन महामंत्री सौदान सिंह से मुलाकात के बाद पार्टी अनुशासन में रहने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब राकेश पांडे ने पत्नी धर्म का तर्क देकर भाजपा संगठन को हाशिये में खड़ा कर दिा है। लिहाजा नाम वापसी की समयावधि तक चारुलता के रूक पर सभी की नजरें लगी हुई है।
सरोज की भाभी चारुलता नहीं मानी, बागियों से परेशान भाजपा और कांग्रेस उन्हें मानाने में जुटी
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