भोपाल, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देश की सामाजिक और सांस्कृतिक राजधानी मध्यप्रदेश को अपराधियों के गढ़ में तब्दील कर दिया है। शिवराजसिंह चौहान ने मुखौटा तो मामा सरकार का लगा रखा है मगर यहां शासन भ्रष्टाचारियों, महामारियों, अपराधियों, व्यभिचारियों, जमाखोरों और कमीशनखोरों का है। ऐसा कोई अपराध नहीं बचा है जो शिवराज सरकार के सानिध्य में मध्यप्रदेश में न हुआ हो। व्यापमं में एक करोड़ युवाओं के भविष्य को बेच दिया गया और 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। हजारों करोड़ का ई-टेंडर घोटाल हुआ। हजारों करोड़ के रेत का अवैध उत्खनन अबाध रूप से मामा जी के आशीर्वाद से चल रहा है। अब तो हालात यह हो गये हैं कि भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों के वीडियो सामने आने लगे हैं, जिसमें वे कह रहे हैं कि 100 करोड़ रूपये मोदी जी को दूंगा और कृषि मंत्री बन जाऊंगा। मगर आज हम आपके सम्मुख मध्यप्रदेश में हो रहे जघन्य अपराधों का कच्चा चिठ्ठा रख रहे हैं।
मध्यप्रदेश में अपराध की यह परिस्थितियां निर्मित हो गई हैं कि शाम 6 बजे बाद बेटियों ने घर से निकलना बंद कर दिया है। मासूमों को अगवा कर बलात्कार किया जा रहा है, उन्हें पत्थरों से कुचला जा रहा है। सरेराह हत्याओं का दौर जारी है। माफिया सरकारी अधिकारियों पर भी प्राणघातक हमले कर रहे हैं। सरकार की सरपरस्ती में अपराधी मध्यप्रदेश का मान-मर्दन कर रहे हैं और मामा मौन साधे अपराधियों के साथ खड़े हो गये हैं। बीते तेरह वर्षों के मामा राज में 30 हजार से अधिक हत्यायें, 46 हजार से अधिक बलात्कार, सवा दो लाख से अधिक जघन्य अपराध, और 28 लाख से अधिक आईपीसी के अपराध पंजीबद्ध हुए हैं। न्याय व्यवस्था का यह हाल है कि मध्यप्रदेश में साल के अंत में 668920 आईपीसी के क्राइम पेंडिंग थे और लंबित मुकद्मों को प्रतिशत 79.1 प्रतिशत है।
मप्र में अपराधियों और व्यभिचारियों‘ का राज
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