भिंड,3 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले एएसआई महेश सिंह भदौरिया पर कोर्ट ने 20 हजार रुपए जुर्माना किया। साथ ही ५ साल के लिए जेल भेज दिया। एएसआई ने मालनपुर थाने में तैनाती के दौरान वर्ष 2015 में रिश्वत ली थी। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने एएसआई भदौरिया को थाने के मेन गेट के बाहर रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया था। कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद एएसआई को जिला जेल भेज दिया गया। केस की सुनवाई के दौरान एएसआई को रिश्वत की रकम के साथ पकड़वाने वाले फरियादी ने बयान बदल दिए थे। कोर्ट ने अभियोजन की ओर से पेश किए सबूतों और तर्क के आधार पर एएसआई को दोषी माना है।
एडीपीओ इंद्रेश प्रधान ने बताया कि फरियादी जबर सिंह ने ग्वालियर लोकायुक्त में शिकायत कर बताया था कि उसके खिलाफ मालनपुर थाने में पंजीकृत केस में मदद करने, जब्त की गई बाइक और दस्तावेजों को वापस करने के एवज में विवेचक एएसआई महेश सिंह भदौरिया ने ३ हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। बातचीत में एएसआई भदौरिया २५ सौ रुपए लेने पर राजी हो गए हैं। शिकायत मिलने पर लाोकयुक्त पुलिस ने तस्दीक कराई। तस्दीक के दौरान एएसआई की रिश्वत मांगते हुए रिकॉर्डिंग की गई। १ अगस्त २०१५ को ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने एएसआई भदौरिया को मालनपुर थाने के मेन गेट के बाहर रिश्वत के नोटों के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। रिश्वत में लिए रुपए एएसआई के पेंट की दाहिनी जेब से बरामद किए थे। साथ ही एएसआई के पास से जबर सिंह की बाइक के दस्तावेज सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए थे। रिश्वत के नोटों में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने पहले ही कैमिकल लगा दिया था। ऐसे में जब एएसआई भदौरिया के हाथ धुलवाए गए तो उनसे गुलाबी रंग छूटा था। हाथ गुलाबी रंग गए थे। सुनवाई के दौरान फरियादी जबन सिंह कोर्ट में अपने बयान पलट गया था। विशेष न्यायाधीश जेके बाजौलिया अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और तर्क से सहमत होकर आरोपित को सजा सुनाई। आरोपित एएसआई को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा ७ में ४ साल कारावास, १० हजार रुपए जुर्माना और धारा १३ में ५ साल कारावास, १० हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद एएसआई भदौरिया को जेल भेज दिया गया।