रायपुर, अंततः राज्यसभा सदस्य और दिल्ली दरबार की बेहद करीबी भाजपा नेत्री सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडऩे की अपनी अटकलों को आज यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि वह 30 वर्षों से भाजपा-परिवार का सदस्य हैं,आखिरी सांस तक भाजपा के लिए ही काम करेंगे।उनके वैशाली नगर विधानसभा सीट से टिकट मांगने पर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था जिससे वह नाराज थे कल तक उनकी जो नाराजगी मुखर थी आज उन्होंने यू टर्न लेते हुए भाजपा के साथ ही आगे बल्लेबाजी जारी रखने का अपना फैसला एकात्म परिसर में मीडिया के सामने सुनाया।
पांडेय ने कहा कि वह वैशाली नगर विस क्षेत्र के लिए अपनी बात पार्टी फोरम पर रखेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं एवं लोगों की मांग पर वैशाली नगर क्षेत्र से उनकी दावेदारी बनती है। पार्टी द्वारा बंद डिब्बे में कार्यकर्ताओं की मंशा जानने की प्रक्रिया के परिणाम भी यही कहते हैं। इससे परे जाकर किसी भी निर्णय पर मेरी सैद्धांतिक असहमति थी। लेकिन बगावत, विरोध या पार्टी छोडऩे जैसी कोई बात नहीं है। पांडेय ने कहा कि 30 वर्षों से पार्टी के साथ रहकर जनता के बीच सेवा करने के चलते ही मेरी दावेदारी की अपेक्षा थी जो कार्यकर्ताओं के आक्रोश के रूप में सामने आई है। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्णय का सम्मान करते हुए वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में वैशालीनगर से पार्टी की जीत के लिए कार्य करेंगे। अन्य हजारों कार्यकर्ताओं की भी यही भावना है।
सरोज ने रूठे भाई राकेश को मना लिया, करते रहेंगे भाजपा की सेवा
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