लखनऊ, सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी दल एवं काबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार को अपनी ही सरकार और भाजपा को जमकर खरीखोटी सुनायी। अपनी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) द्वारा यहां आयोजित ‘गुलामी छोडो, समाज जोडो’ रैली को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अपने इरादे एक बार फिर साफ कर दिए। उन्होंने कहा कि वह सत्ता का स्वाद चखने नहीं बल्कि गरीबों के लिए लड़ाई लडने आये हैं। ये लडाई लडूं या भाजपा का गुलाम बनकर रहूं ?
पार्टी के 16वें स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने राजधानी में अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया। इस दौरान हजारों की संख्या में आयी भीड़ के बीच उन्होंने भाजपा सरकार को कोसते हुए कहा कि एक कार्यालय भी आज तक नहीं दिया। मैंने तो मन बनाया है कि आज इस मंच से मैं घोषणा करूंगा और आज मैं इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा मन टूट गया है। ये हिस्सा देना नहीं चाहते। जब भी गरीब के सवाल पर हिस्से की बात करता हूं तो ये मंदिर की बात करते हैं, मस्जिद की बात करते हैं। हिंदू-मुसलमान की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा चाहते हैं। मंदिर या मस्जिद नहीं।
सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने कहा था कि वह पिछड़ी जाति के आरक्षण का बंटवारा करेगी। पिछडे, अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछडे सभी जातियों की भागीदारी तय करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। छह महीने पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भरोसा दिया था कि जल्द ही पिछड़ों व अति पिछड़ों के आरक्षण बंटवारे के मुद्दे पर कुछ कारगर कदम उठाएंगे लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड में विभाजित करने की भी मांग की। साथ ही शराबबंदी की मांग उठायी। जब बिहार जैसे पडोसी राज्य ऐसा कर सकते हैं तो उत्तर प्रदेश क्यों नहीं।