नई दिल्ली, साल 11 जून 2018 की बात है, जब टू जी घोटाले की जांच कर रहे ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने देश के वित्त सचिव हसमुख अधिया के खिलाफ ऐसी चिट्ठी लिख दी, जिसने ‘लुटियंस जोन’ में खलबली मचा दी। राजेश्वर सिंह ने आठ पन्नों की इस चिट्ठी में हंसमुख अधिया के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा दिए। उन्हें स्कैममास्टर्स यानी घोटालेबाजों के साथ खड़ा होने वाला करार देते हुई कई तीखे सवाल किए थे। राजेश्वर सिंह ने कहा-मंत्रालय के हर पैमाने पर काबिल पाए जाने के बावजूद मेरे प्रमोशन पर विचार नहीं किया गया। क्या घोटालेबाजों और उनके सहयोगियों का पक्ष लेकर उनसे बैर पाल लिया है। इसमें उन्होंने उनकी प्रोन्नति की अनदेखी करने, राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने’ और ‘अहंकार के कारण बदला लेने’ का मुद्दा उठाया।
बहरहाल, शुरुआत में इस लेटर की किसी को खबर नहीं हुई। इस बीच राजेश्वर सिंह के खिलाफ दुबई के एक संदिग्घ व्यक्ति से बातचीत करने और अन्य तरह की शिकायत का मामला सुप्रीम कोर्ट में जाता है। राजेश्वर अपने खिलाफ शिकायतों को झूठा करार देते हैं, मगर सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ जांच से किसी तरह की छूट नहीं देता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजेश्वर सिंह का 11 जून को ईडी के डायरेक्टर करनैल सिंह और रेवेन्यू सेक्रेटरी को लिखा सनसनीखेज पत्र अचानक सरकारी फाइलों से बाहर आ जाता है। सार्वजनिक हुए इस पत्र से ईडी से लेकर वित्तमंत्रालय के दोनों अफसरों के बीच मचे घमासान का खुलासा होता है। राजेश्वर की ओर से लगाए आरोपों का बाद में हसमुख अधिया जवाब देते हैं, इस बीच राजेश्वर सिंह के खिलाफ वित्तमंत्रालय की ओर से चार्जशीट भी पेश होती है। सूत्र बताते हैं कि देश के वित्त सचिव और ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर के बीच मची इस घमासान को शांत करने के लिए तब ऊपर से दखल होता है। जिसके बाद ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह आरोपों को वापस लेने के साथ एक पत्र लिखते हैं, उन्होंने आवेश में आकर हसमुख अधिया के खिलाफ आरोप लगाए इसके बाद मामला शांत होता है।
जी हां, ये तो रही ईडी अफसर और वित्त सचिव के बीच पहले से मची रार की बुनियाद है।सूत्रों के हवाले से खबर है कि विवाद के बाद सीबीआई मे डैमेज कंट्रोल करने में जुटी सरकार के लिए अभी चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और वित्तमंत्रालय के इन दो अफसरों के बीच मची रार का मामला फिर इस माहौल में गरमा सकता है। इन अटकलों को बल तब मिला, जब बीते दिनों बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में राजेश्वर सिंह के खिलाफ एक्शन होने की आशंका जाहिर की है। वहीं उन्होंने वित्त सचिव हसमुख अधिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। माना जा रहा है कि अगर ईडी में कोई एक्शन होता है, तो फिर इन दो अफसरों के बीच फिर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो सकता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में हंसमुख अंधिया की ओर से रॉ के बनाए 2016 के एक पुराने इनपुट को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। जिसमें दुबई के दानिश नामक संदिग्घ व्यक्ति से ईडी अफसर राजेश्वर सिंह के संबंध होने का दावा किया गया था। हालांकि राजेश्वर और ईडी डायरेक्टर करनैल सिंह ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि दुबई से आई टेलीफोन कॉल का इस्तेमाल राजेश्वर ने कुछ सूचनाओं के लिए किया था, इसकी उन्होंने जानकारी भी दी थी।