…लो आ गया उत्सव मनाने का समय, बच्चों को त्योहार के सही मायने बतायें

नई दिल्ली,त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है, बच्चों के संग त्योहार का मजा और बढ़ जाता है, उनके साथ से उत्साह और उल्लास बढ़ जाता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे त्योहारों के दौरान व्यस्त रहें और आनंद उठाएं। पर आजकल एकल परिवार में त्योहार का उल्लास कहीं खोकर रह गया है। आज त्योहार का मतलब काफी हद तक छुट्टी तक रह गया है। इसलिए जैसे ही त्योहारों का मौसम आता है, माता-पिता मस्ती की बजाय चिंता में डूब जाते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। दिवाली आने को हो, ऐसे में इस खास मौके पर अपने बच्चों को इस खुशी के त्योहार से सराबोर करते हुए इसके सही मायने बताएं, ताकि यह त्योहार और रोचक बन सके।
सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने बच्चे को हर त्योहार के बारे में बताएं। क्योंकि दिवाली को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को इसका महत्व, उन्हें बताएं कि दिवाली क्यों मनाते हैं, इससे जुड़ी कहानियां बताएं, ताकि वह इस उल्लास को महसूस कर सकें। इसके बारे में विस्तार से बताएं।
सामाजिक मेल-मिलाप सिखाएं : बच्चों में मेल-मिलाप की भावना जीवित रखने के लिए दिवाली सबसे बेहतर त्योहार हो सकता है। आप भी अपने बच्चे को इसके बारे में बताएं। उन्हें दिवाली पर पड़ोसी, रिश्तेदार व दोस्तों के यहां अपने साथ जरूर ले जाएं, ताकि वह भी ये सब सीखें। वैसे भी बच्चों को घर से बाहर जाने में खुशी ही मिलती है।
घर को सजाना : दिवाली पर घर को सजाने का महत्व भी बताएं। दिवाली पर कई तरह की खूबसूरत झालरें मिलती हैं। उन्हें खरीदकर लाएं और बच्चों को उन्हें अलग-अलग स्टाइल में सजाने को कहें। इसके अलावा उन्हें रंगोली बनाने को दें, मिट्टी के बर्तन को सजाने को दें। इन सबको करते हुए बच्चा न सिर्फ उत्साहित होगा, बल्कि उसमें क्रिएटिविटी भी आएगी।
घर की सफाई : दिवाली पर जब आप अपने घर की सफाई में जुटें, तो इसमें बच्चे की भी मदद लें, लेकिन ध्यान रखे ये मदद उसे सफाई का महत्व सिखाने व उत्साहित करने के लिए है। आप उस पर उतना बोझ न डाल दें, जो वह उठा न पाए। जब वह आपके साथ मिलकर घर की सफाई करेगा, तो खुद को बहुत खुश महसूस करेगा।
बच्चों को सिखायें ये अच्छी बातें
बच्चों को ऐसे बातें सिखायें जो बड़े होने के बाद भी उनके काम आए। छोटे बच्चे को किसी बात की समझ नहीं होती लेकिन जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती जाती है उन्हें कुछ खास कामों को सिखाना बहुत जरूरी हो जाता है। 2 से 5 साल के बच्चे को खुद के काम करने की आदत डालनी शुरू कर देनी चाहिए। इससे आपको भी आसानी रहेगी और बच्चे की आदत भी खराब नहीं होगी।
डस्टबिन का इस्तेमाल
बच्चे को समझाना जरूरी है कि डस्टबिन किस लिए होता है। गंदगी को इधर-उधर फैंकने की बजाए बच्चे को कचरा कूड़ेदान में डालने की आदत डालें। उसे बताएं की गंदगी से क्या-क्या नुकसान है। गंदगी डालने पर उसे प्यार से टोकें धीरे-धीरे वह खुद सीख जाएगा।
घर में आप कोई काम कर रही हैं तो बच्चे को भी खुद के साथ शामिल करें। मस्ती या शरारत से बच्चे का ध्यान हटाने के लिए उसे साफ-सफाई करने की आदत डालें। टेबल साफ करने को कहें। साफ-सफाई की यह आदत अच्छी है।
खिलौनों के जगह पर रखना
हर बच्चा खिलौने के साथ बहुत प्यार करता है लेकिन खेलने के बाद उन्हें वापिस जगह पर रखने की आदत कुछ बच्चों को ही होती है। बच्चे का इस आदत को सुधारने की कोशिश करें। उन्हें इस्तेमाल के बाद चीजें, चप्पल,खिलौने आदि जगह पर रखना सिखाएं।
बागवानी करना
बच्चे जब बड़ों को कोई काम करता देखते हैं तो खुद भी वे चीजें दोहराते हैं। कभी-कभी उन्हें बागवानी जरूर करवाएं। पौधों को पानी देना सीखाएं। इसमें वे मजा भी करेंगे और प्रकृति के साथ उनका प्यार भी बढ़ेगा।

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