नई दिल्ली,रंगों का भी हमारे जीवन में अहम स्थान है , खुशी व्यक्त करने के साथ ही रंग जीवन में सुख और संपदा लाते हैं। इसी लिए हम घर की साजसज्जा के लिए रंगरोगन करते हैं। रंगों का भी जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर रंग किये जायें तो घर में अच्छा माहौल और खुशहाली बनी रहती है।
इसका कारण यह है कि हमारे आस-पास मौजूद रंगों के अनुसार व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से प्रभावित होता है। सत्व, रजस व तमस इन तीन प्रकार के गुणों से रंगों का गहरा संबंध होता है। आसमानी,हरे,सफ़ेद तथा अन्य हलके रंगों को सत्व माना गया है। तीखे लाल, नारंगी और गुलाबी रंग रजस कहलाते हैं जो इच्छाओं में वृद्धि करते हैं। तामसिक रंग गहरे होते हैं। इनमें गहरे नीले,भूरे एवं काले रंग मुख्य हैं। घर की सजावट में तामसिक रंगों की अवहेलना करनी चाहिए,ये रंग व्यक्ति को सुस्त व आलसी बनाते हैं। घर में सौहार्द वातावरण के लिए नम्र, हल्के व सात्विक रंगों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
कौन सा रंग कहां करें :
हल्के नीले एवं हरे रंग को वास्तु में स्वास्थ्य के प्राकृतिक स्रोत के रूप में देखा जाता है। ये रंग ठंडे और कोमल होते हैं व इनसे संयमित और शांतिमय विकंपन पैदा होता है। इन रंगों का प्रयोग घर के ड्राइंग रूम में करना ठीक है। हल्के नीले रंग का बाथरूम भी वास्तु में शुभ माना गया है।
पीला रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित व मस्तिष्क को सक्रिय रखता है,अतः इस रंग को अध्ययन कक्ष या लाइब्रेरी में उपयोग करना लाभप्रद होगा। बैंगनी रंग को उत्साहवर्धक एवं अवसाद का नाश करने वाला माना जाने के कारण इसका उपयोग योग व साधना कक्ष या पूजा स्थल में शुभ होता है।
कमरे की छत को सफ़ेद रंग से पेंट करने पर कमरे में अधिक ऊष्मा व प्रकाश रहेगा पर पूरे कमरे में सफ़ेद रंग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वास्तु में इस रंग को अल्पजीवी माना गया है।
पूर्व दिशा में हरे रंग के प्रयोग के साथ पीले रंग के शेड्स का इस्तेमाल दक्षिण-पश्चिम में किया जाए तो ये रंग परिवार और मित्रों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं,अवसाद को दूर करते हैं।
गुलाबी, लाल, नारंगी रंग आपसी संबंधों को सुदृढ़ बनाते है कपल के रिश्ते को सुदृढ़ करने के लिए बेडरूम में हल्के लाल रंग के शेड्स उपयुक्त हैं। इसे दक्षिण दिशा के बैडरूम के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में प्रयोग करना चाहिए। गुलाबी, बैंगनी और ऑरेंज के हल्के शेड्स भी रोमांटिक रंगों की श्रेणी में आते हैं, ये रंग पवित्रता और मासूमियत को दर्शाते हैं। अतःशयन कक्ष में इन रंगों का प्रयोग लाभकारी सिद्ध होगा।
दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा में स्थित रसोईघर में भी लाल रंग शुभ फलों में वृद्धि करता है। घर के मुख्य द्वार के लिए रंग का चुनाव घर की दिशा के आधार पर किया जाना चाहिए, ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जाओं में वृद्धि होगी एवं पर्यावरण सौहार्दपूर्ण बनेगा।
रंगों का है हमारे जीवन पर खास प्रभाव, घर में आती है खुशहाली
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