नई दिल्ली,सीबीआई में रिश्वत कांड के बाद उठी अंदरूनी कलह के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर बुधवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। सरकार ने सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया है। इस पूरे मामले में कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। इस मामले में सीबीआई ने अपने दफ्तर ही छापेमारी के बाद डीएसपी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है। देवेंद्र शर्मा फिलहाल रिमांड पर हैं। स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना का भी नाम एफआईआर में है, जिस रद्द करवाने के लिए अस्थाना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसपर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा, तब तक के लिए अस्थाना को गिरफ्तारी से छूट मिली है। सीबीआई में मचे घमासान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में ‘आखिरी कील’ ठोंक दी है। सीबीआई का व्यवस्थित विध्वंस और बदनामी अब पूरी हो गयी है। एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी अखंडता, विश्वसनीयता और दृड़ता खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया।
वहीं फिलहाल सीबीआई मुख्यालय में किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के नेतृत्व में टीम छापेमारी कर रही है। सीबीआई के दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। ज्वाइंट डायरेक्टर मनीष सिन्हा और एके शर्मा को हटाया गया। सीबआई हेडक्वार्टर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया गया है। इन दोनों फ्लोर पर ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तर हैं। सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा गया है।
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना सहित चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया। सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मारकर आठ मोबाइल फोन बरामद किए। डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है। सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं। इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है। यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है।