भोपाल,पिछले कई वर्षों से भोपाल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मच्छर जनित बीमारियॉं फैल रही है। बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार के पास पर्याप्त अमला नहीं है। जिसके कारण पूरे प्रदेश में मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया बुखार के मरीज बड़ी तेजी से हर साल बढ़ रहे हैं। हर साल डेंगू और चिकनगुनिया से मरीजों की मौत हो रही है। सरकार द्वारा दावे भी किए जाते हैं, कि मच्छरों की रोकथाम के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान चला रहा है। किंतु वास्तविकता इससे विपरीत है।
स्वास्थ्य विभाग के पास 1975 का स्वीकृत अमला है। बजट भी वर्तमान के हिसाब से बहुत कम है। जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए, उनके स्थान पर नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग में मलेरिया की रोकथाम के लिए जो अमला था। वह 1975 की तुलना से भी कम हो गया है। वहीं शहरों की आबादी और शहरों का विस्तार कई गुना बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में सरकार मच्छरों पर नियंत्रण पाने के लिए जो भी उपाय करती है। वह कागजों पर ही सीमित रह जाता है। परिणाम स्वरूप 2009 से ही चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियां बड़ी तेजी के साथ पूरे प्रदेश में फैल रही हैं।
नगर निगम भी मच्छरों की रोकथाम के लिए फागिंग और कीटनाशक का छिड़काव कराती है। नगर निगम और नगरीय निकायों की भी स्थिति खराब है। इनके पास कीटनाशक खरीदने का बजट नहीं है। कैरोसिन ऑयल मिलाकर जो कीटनाशक छिड़का जाता है, उसके लिए कैरोसिन ऑयल भी सरकार नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध नहीं करा पा रही है। जिसके कारण स्थिति और विकराल हो गई है। नगर निगम भोपाल एक्सपार्यड दवाई से छिंड़काव कर रही थी। यह मामला हाल ही में उजागर हुआ है।