लंदन, पाकिस्तान के दक्षिणी वजीरिस्तान में जन्मी पाकिस्तान की नंबर 1 महिला स्क्वॉश खिलाड़ी मारिया तूरपकाई को 4 साल की उम्र में महसूस हो गया था कि अगर उन्हें खेलना है,तो लडक़ों की तरह कपड़े पहनने होंगे। उसके बाद उन्होंने अपने कपड़ों की होली जलाकर यह बताती रही कि लडक़ी नहीं लडक़ा हैं।
उसके पिता उसे मदद करने के लिए उसे चंगेज खान के नाम स पुकारने लगे। जब वह मशहूर होने लगीं, तब उनका रहस्य भी उजागर हो गया। जिसके बाद तालिबान उन्हें हत्या की धमकियां देने लगा। अब उनकी कहानी को गर्ल अनबाउंड नाम की फिल्म बना कर पेश किया गया है। बुधवार को लंदन में फिल्म फेस्टिवल के दौरान इस फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। इस मौके पर मारिया का कहना था कि वह जिस जगह से ताल्लुक रखती हूं,वहां लड़कियों को खेलने की इजाजत नहीं है। इस लिए उन्होंने मजबूरी में नियम तोड़े। दुनिया के मंच पर खेलने वाली वजीरिस्तान की वह पहली पश्तून लडक़ी हैं। वह कहती हैं कि तालिबान कहता था कि हम कबीलाई लोग हैं और हमें इस्लाम के नियमों का पालन करना चाहिए।