अहमदाबाद,गिर के सिंहों के रूप में विख्यात गुजरात में 23 सिंहों की मौत को लेकर सनसनी फैली हुई है। एक के बाद एक हो रही सिंहों की मौत को देखते हुए गुजरात सरकार ने बचे हुए शेरों को पोरबंदर के बरडा डूंगर अभयारण्य में शिफ्ट करने का निर्णय किया है। कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) और प्रोटोजोआ संक्रमण के चलते गिर अभयारण्य में अब तक 26 में से 23 शेरों की मौत हो चुकी है। इस अभयारण्य में अब केवल तीन ही शेर बचे हुए हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत वसावा ने कहा, हमने गिर के बचे हुए शेरों को जल्द से जल्द बरडा डूंगर अभयारण्य में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। यह अभयारण्य राज्य के भीतर उनका दूसरा घर होगा। बरडा डूंगर अभयारण्य पोरबंदर जिले में गिर से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। गौरतलब है कि 2015 में शेरों के दूसरे घर के रूप में बरडा के अलावा मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर सहित दो अन्य अभयारण्यों को मंजूरी मिली थी। कोर्ट ने जब 2013 में शेरों को कुनो पालपुर शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे तो गुजरात ने राज्य में ही दूसरा अभयारण्य तैयार करने का फैसला किया था, जहां शेरों को रखा जा सके।
गौरतलब है कि गुजरात के मशहूर गिर अभयारण्य में शेरों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए केंद्र और गुजरात सरकार से इसकी वजहों का पता लगाने को कहा था। कोर्ट ने शेरों की मौत पर बुधवार को केंद्र और गुजरात सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है, शेरों को बचाया जाना चाहिए। पुणे के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि 23 में से 5 शेरों की मौत कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) की वजह से हुई है। इसी वायरस की वजह से कुछ साल पहले पूर्वी अफ्रीका के कुल शेरों में से 30 प्रतिशत की मौत हो गई थी।
गिर में 26 में से 23 सिंहों की मौत से हाहाकार,बरडा भेजे जाएंगे बचे सिंह
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