लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हारने और फिर गोपा-मणिपुर में सबसे बउ़ा दल होने पर भी सरकार बनाने से चूकन पर मायूसी है। उप्र में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने इस्तीफे की पेश की है।
बब्बर की पहल उस समय सामने आई है,जब पार्टी में बदलाव और जिम्मेदारी तय करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
महाराष्ट् के दलित नेता सुशील कुमार शिंदे ने भी पार्टी नेतृत्व से संगठन में व्यापक बदलाव की मांग की है। इधर,राज बब्बर ने राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें पार्टी को मजबूत बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत बताई गई। राज बब्बर ने राहुल का बचाव करते हुए कहा कि एक या दो चुनाव में पराजय से नेतृत्व में बदलाव नहीं होता है। उन्होंने कहा, मैं उत्तर प्रदेश में चुनाव में पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। मुझे जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन मैं उसे पूरा नहीं कर सका। मैं उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया. जो भी जरूरी होगा, मैं वह करूंगा. बब्बर ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से यह बात कही। राहुल गांधी या गुलाम नबी आजाद जैसे बड़े नेताओं द्वारा पराजय की जिम्मेदारी नहीं लेने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों के बारे में पार्टी में आंतरिक स्तर पर चर्चा होती है।