लखनऊ,उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार तड़के एप्पल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में दो पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी। गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा कि लखनऊ में कोई मुठभेड़ नहीं हुई है। पूरे मामले को लेकर डीजीपी को निर्देश दिया गया है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच उप्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने विवेक हत्याकांड में स्वीकार किया कि पुलिसकर्मियों ने कानून हाथ में लिया है। उन्होंने कहा दोनों पुलिसकर्मियों ने गलती की है। इसीलिए उनके खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें जेल भेजा जाएगा।
डीजीपी ने यह भी कहा कि शाम तक दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया जाएगा। इधर, मृतक विवेक तिवारी के परिजनों ने मुख्यमंत्री से मिलने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है। तिवारी की पत्नी ने कहा है कि वह खुद मुख्यमंत्री योगी से मिलना चाहती हैं। उन्होंने कहा उप्र की पुलिस इस तरह किसी की हत्या कैसे कर सकती है।
उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री मिलने नहीं आएंगे, तब तक विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों ने एक करोड़ रुपए और विवेक तिवारी की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। गौरतलब है कि लखनऊ के गोमती नगर में शनिवार तड़के 1:30 बजे मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार ‘एप्पल’ के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी। हादसे के वक्त विवेक तिवारी के साथ रहीं सना की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गोलीबारी करने वाले कांस्टेबल प्रशांत कुमार और संदीप को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच के बाद अब दोनों आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया है।