जबलपुर,मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस.के. सेठ एवं न्यायमूर्ति श्रीमती अंजुली पॉलो की युगलपीठ ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जिले के दोनों जिम्मेदार ऑफीसर 27 सितंबर को जरुर हाजिर रहें। आवारा जानवरों की धरपकड़ और सड़कों पर पशुओं के विचरण पर पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम के आयुक्त ने शिकायत की थी कि पशुओं की धरपकड़ के दौरान जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से सहयोग नहीं मिलता। इस पर युगलपीठ ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सोमवार को तलब किया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इनकी तरफ से न तो कोई जवाब आया और न ही इनका कोई अधिवक्ता कोर्ट के सामने हाजिर हुआ। युगलपीठ ने इस बात को संजीदगी से लेते हुए कहा कि आगामी सुनवाई २७ सितंबर को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों उपस्थित रहें। गौरतलब है कि सन् 2006 से आवारा पशुओं को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा का आरोप है कि इतने लम्बे अंतराल और हाईकोर्ट द्वारा समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों के बाद भी सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं के खिलाफ स्थानीय निकाय कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। इन पशुओं और सांडों की वजह से कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकीं हैं, यहां तक की कई लोगों की जानें भी जा चुकीं हैं।
सड़क पर आवारा पशु हाईकोर्ट में हाजिर नहीं हुए कलेक्टर, एसपी
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