मुंबई,अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा वैश्विक व्यापार युद्व को और तेज करते हुए चीन से 200 अरब डालर के माल पर आयात पर ऊंचा शुल्क लगाने के एलान के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों की तेजी के चलते जहां विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से निकासी बढ़ा दी वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली जारी रखने से घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गहरा गोता लगाकर बंद हुआ। मंगलवार को कारोबार की समाप्ति सेंसेक्स 295 अंकों की गिरावट के साथ 37,291 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 99 अंकों की गिरावट के साथ 11,279 पर बंद हुआ। प्रमुख सूचकांक की तरह बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट देखने को मिली। बीएसई का मिडकैप 242 अंकों की गिरावट के साथ 15,984 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप 250 अंकों की गिरावट के साथ 16,412 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत भी तेजी के साथ हुई। सेंसेक्स 75 अंकों की तेजी के साथ 37,660 पर खुला। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 37,745 के ऊपरी और 37,243 के निचले स्तर को छुआ। इसी तरह निफ्टी 4 अंकों की तेजी के साथ 11,382 पर खुला। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 11,411 के ऊपरी और 11,269 के निचले स्तर को छुआ।
मंगलवार को बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 881 शेयरों में तेजी और 1,805 में गिरावट रही, जबकि 162 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध के और ज्यादा भड़क जाने से निवेशकों में मची खलबली के चलते चीन, हॉन्ग कॉन्ग, कोरिया और ताइवान जैसे एशियाई शेयर बाजार के साथ साथ घरेलू बाजार में भी गिरावट देखने को मिल रही है। आंकड़ों के मुताबिक एशियाई बाजार अब तक लगभग दो प्रतिशत तक टूट चुके हैं। वहीं, जानकारों का कहना है स्थानीय स्तर पर सरकार की गिरते रुपये को थामने और चालू खाता घाटे को पाटने के आश्वासन निवेशकों को आश्वस्त करने में असफल रही जिसके चलते निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से निकासी का सिलसिला जारी है जो बाजार की गिरावट को और बढ़ा रहा है।