वाराणसी,अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर को अपने जन्मदिन के तोहफे के तौरे पर 557 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। मंगलवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथियेटर से लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह शहर को पूर्वी भारत का गेटवे बना रहे हैं। इसके लिए वह बनारस की पहचान को बदलना नहीं चाहते। हमारी सरकार चाहती है कि नई तकनीकी और बनारस की संस्कृति के बीच समावेश बैठाकर वाराणसी का विकास किया जाए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीएचयू को 21वीं सदी का महत्वपूर्ण नॉलेज सेंटर बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। चार साल पहले और अब में काशी के लोग बदलाव महसूस कर रहे है। लोग इस बदलाव को महसूस भी कर रहे है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब वह पहले काशी आते थे तो केवल शहर के अंदर तारों का जाल ही दिखाई देता था लेकिन अब शहर के एक बड़े हिस्से से तार गायब हो गए हैं। पहले शहर तार के जाल में उलझा हुआ था। हमारी सरकार ने शहर को तार से छुटकारा दिलाने का प्रण किया है। वाराणसी में जिस तरह से चौतरफा अव्यवस्था थी उसी तरह में अब हमारी सरकार चौतरफा विकास कर रही है। काशी को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर देने की कोशिश की जा रही है। इसमें मेडिकल, शिक्षा, सड़क और सफाई से जुड़ी हर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है। काशी को विशेष दर्जा देने के लिए हमारी सरकार रिंगरोड पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार इस फाइल को रोकने का काम कर रही थी लेकिन हमारी सरकार इस तेजी से आगे बढ़ा रही है। इससे शहर में ट्रकों को आने से रोका जा सकेगा।
हवाई यात्रा बेहतर, बढ़ी पर्यटकों की संख्या
वाराणसी में हो रहे चहुंमुखी विकास के गवाह, यहां एयरपोर्ट पर आने वाले लोग भी बन रहे हैं। हवाई जहाज से वाराणसी आने वाले लोगों और टूरिस्टों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।
तार के जाल से निजात
उन्होंने बताया कि आधे शहर से लटकते हुए तार गायब हो गए हैं। बाकी जगहों पर भी इन तारों को जमीन के भीतर बिछाने का काम तेजी से जारी है। उन्होंने बताया कि बिजली से जुड़े पांच प्रॉजेक्ट में से एक में पुरानी काशी को बिजली के लटकते तारों से छुटकारा दिलाने का काम शुरू है। उन्होंने बताया कि नए विद्युत उपकेंद्र से कम वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पीएम ने बताया कि एलईडी बल्ब से रोशनी बढ़ी है और बिजली के बिल में कमी आई है। उन्होंने बताया कि इससे करोड़ों रुपये की बचत की गई है।
स्टेशन पर ही दिखती नई काशी
उन्होंने कहा कि रेल से काशी आने वालों को अब स्टेशन पर ही नई काशी की तस्वीर नजर आती है। इसके अलावा वाराणसी को छपरा और इलाहाबाद से जोड़ने के ट्रैक की डबलिंग का काम चल रहा है। वाराणसी से नई दिल्ली, वडोदरा और पटना जाने के लिए महामना जैसी ट्रेन शुरु की हैं। वाराणसी की देश के अन्य शहरों से रेल कनेक्टिविटी पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी। काशी में ट्रैफिक व्यवस्था को इंटिग्रेट किया जा रहा है। इंटिग्रेटिड कमांड सेंटर के जरिए शहर की सभी सुविधाओं पर पर नजर रखी जाएगी।
स्थायी स्वच्छता
उन्होंने सबसे अधिक चर्चित स्वच्छता अभियान की सफलता के बारे में बात करते हुए कहा कि काशी ने स्वच्छता के मामले में परिवर्तन देखा है, गलियों, घाटों, सड़कों पर स्वच्छता अब स्थायी हो चुकी है। जापान के पीएम शिंज आबे समेत कई विदेशी नेताओं ने वाराणसी की तारीफ की है, जापान ने तो काशी को कन्वेंशन सेंटर को तोहफा भी दिया है।