भोपाल, अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामण्डल के स्थापना दिवस के अवसर पर रवीन्द्र भवन भोपाल में ’मराठी कवि सम्मेलन‘ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के सुप्रतिष्ठित कवियों द्वारा अपनी रचनाओं का पाठ किया गया। रचनापाठ में कवियों ने मराठी साहित्य के मूर्धन्य कवियों की रचनाओं की प्रस्तुति के साथ-साथ अपनी मौलिक रचनाओं का भी पाठ किया। कवियत्री सुष्मा ठाकुर ने ‘क्षणभंगुरता के शाय के संग, सुगंध का स्वर्गीय वरदान, शुभ्ररंग के पवित्रता के साथ केसरिया स्तंभ आधार‘ एवं नयना-आरती कानिटकर ने ‘थककर चूर कुछ समय दोपहर को विश्रांती कर रही थी तब स्वप्न में शायद’ रचना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर इन्दौर से आमंत्रित श्रुति राशिनकर एवं अलकनन्दा साने, बुरहानपुर से विद्या श्रॉफ एवं जयंत भालेराव, देवास से राधिका इंगले, ग्वालियर से अर्पणा पाटिल, खण्डवा से श्रीकांत तारे तथा बिलासपुर (छ.ग.) से कपूर वासनिक ने रचनापाठ किया। इनके साथ ही भोपाल से प्रतिभा धडफळे, आरती कानिटकर, निलिमा कोतवालीवाले, मंदा गंधे, सुषमा ठाकुर, विवेक सावरीकर, पुरूषोत्तम सप्रे, रवीन्द्र भालेराव और डॉ. यादवराव गावळे ने भी अपनी-अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।
कवि सम्मेलन में विषेष अतिथि के रूप में ज्ञानेश्वर मुळे, सचिव, विदेश मंर्तालय-दिल्ली उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पूर्व मराठी साहित्य अकादमी के निदेष श्री अष्विन खरे द्वारा महामण्डल के आमंर्तित सभी साहित्यकारों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। इस एक दिवसीय कवि सम्मेलन का आयोजन मराठी साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश मराठी साहित्य संघ के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मराठी भाषाप्रेमी व सुधीजनों की उपस्थिति रही।