नईदिल्ली,बिना कारण के कोई भी कारण नहीं होता। आजकल विश्व एक विश्व ग्राम की अभिधारणा पर चल रहा हैं। आवागमन का साधन इतने अधिक और द्रुतगामी होने से अब हम दुनिया के किसी भी स्थान पर घंटों में आ जा सकते हैं। व्यापारी नौकरशाह ,नेता अभिनेता सुबह दुबई में तो शाम को अपने घर वापिस। इतना शीघ्र संपर्क होने से स्वाभाविक हैं की उनका विभिन्न वातावरण से संपर्क होने से या खान पान होने से बीमार होने की संभावना से नहीं बचा जा सकता हैं और कई बीमारियों का आदान प्रदान भी जल्दी होने लगता हैं। बीमारी की जीवाणु कई प्रकार से आकर /लगकर बीमारी पैदा करते हैं। कई बार हवाई जहाज की टिकेट ,रेलवे की टिकट ,संक्रमित आहार ,विहार ,संक्रमित सामग्री के अलावा होटल का मीनू ,डॉक्टर का एप्रन ,स्टेथस्कोप ,पेन ,बाथरूम के दरवाजे के हैंडल ,फ्रिज की हैंडल ,मोबाइल,नोट आदि से संक्रमण रोग शीघ्र फैलते हैं।
नोट एक ऐसा साधन और माध्यम हैं जिससे रोगो का फैलना बहुत सामान्य बात हैं। कारण नोटों का आना जाना इतना अधिक होता हैं की वह कब अमीर के यहाँ पहुंच जाए और कब भिखारी के यहाँ ,कब व्यापारी के यहाँ तो कब वैश्या के यहाँ ,कब पंडित के यहाँ तो कब शमशान घाट तो कब मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा। कब बैंक तो कब नाली में। अभी अभी यह शोध में बात आयी हैं की नोटों के माध्यम से टी. बी, अलसर जैसी बीमारियों का होना पाया गया हैं। एक संस्था ने अपने शोध में बताया हैं की करेंसी नोट में ७८ प्रकार के बैक्टीरिया पाए गए थे जिसमे पेट सम्बन्धी रोग ,टी बी , अलसर और अन्य बीमारियों के कीटाणु मिले। एक और शोध में ८६.५ % संक्रमित नोट पाए गए ,जिन नोटों का परिक्षण किया गया था वे नोट डॉक्टर ,बैंक ,मीट व्यापारी ,विद्यार्थी ,गृहिणियों से लिए गए थे। डॉक्टरों से प्राप्त नोटों में मूत्र रोग सम्बन्धी ,सांस रोग ,सेप्टिसीमिया ,चर्म रोग ,दिमागी बुखार,पेट सम्बन्धी ,विषाक्ता आदि के बैक्टीरिया मिले।
इसके मुख्य कारण नोटों की छपाई में लगने वाले रसायन के अलावा अनेक माध्यम से आना जाना जिसे रोका नहीं जा सकता हैं। यदि नोट छपाई में ऐसे रसायनों का उपयोग हुआ हैं तो यह गंभीर प्रकरण हो सकता हैं इसके लिए सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए इसके अलावा हम उपयोगकर्ताओं को भी व्यक्तिगत सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ,जैसे जब भी नोटों का आदान प्रदान करे उसके बाद हाथ जरूर धोएं। जैसे खाना खाने के पहले हम हाथ धोते हैं। इसी प्रकार होटल का मीनू टॉयलेट से सौ गुना संक्रमित होता हैं ,इसी प्रकार डॉक्टर ,वकील का कोट। स्टेथस्कोप ,कलम या पेन ऐसी सामग्रियां हैं जिनका उपयोग प्रचुरता से होता हैं और हम अनजाने में इसके द्वारा रोगों को फ़ैलाने में मददगार हो जाते हैं।
जब हॉस्पिटल का ऑपरेशन थिएटर संक्रमित हो जाता हैं तब इनसे संक्रमण फैलाना या फैलना कोई नयी बात नहीं हैं। इसीलिए घर का चौका या किचिन भी बहुत सुरक्षित रखना चाहिए ,बाहर से आकर जूतों को भी यथा स्थान रखे और जहाँ तक हो सके संक्रमित सामग्री के उपयोग के बाद हम सफाई पर ध्यान दे और प्रचलन में नोटों को थूंक लगाकर गिनना भी हानिकारक होता हैं।
हम व्यक्तिगत स्वास्थ्य सम्बन्धी बचाव से अधिक सुरक्षित हो सकते हैं और इसके लिए हमें बहुत ध्यान देने की जरुरत हैं अन्यथा हम प्रज्ञापराधी होकर गंभीर रोगों से ग्रसित हो सकते हैं।