हिजबुल आतंकी कानपुर के सिद्धि विनायक मंदिर में करना चाहता था धमाका, कश्मीर से मंगवा रहा था एके-47

कानपुर,यूपी के प्रसिद्ध सिद्धि विनायक मंदिर में हिजबुल आतंकी धमाके की योजना बना रहा था। आतंकी कमरुज्जमा ने कश्मीर से एके-47 व अन्य आधुनिक रायफलें मंगवाने का इंतजाम किया था। उसकी गिरफ्तारी से दो दिन पहले ही उसके दो साथी कानपुर से निकल गए थे। इन्हें ही कश्मीर से आने वाले साथियों से असलहों व कारतूसों की खेप लेकर कानपुर पहुंचाना था। कमरुज्जमा के पास से बरामद मोबाइल के ब्लैक बेरी मैसेन्जर (बीबीएम) को डिकोड करने पर यह खुलासा एटीएस अफसरों को हुआ। इस खुलासे से हैरान एटीएस अफसरों ने अब उन दो युवकों की तलाश और तेज कर दी है जो कानपुर से भाग निकले हैं। इनके बारे में शनिवार को जब कमरुज्जमा से पूछा गया तो उसने फिर अफसरों को उलझाना शुरू कर दिया। हालांकि काफी मशक्कत के बाद उसने यह जरूर बता दिया था कि बीबीएम से उसने कश्मीर में रहने वाले ओसामा विन जावेद और एक अन्य युवक को हथियार लाने के लिये मैसेज किये थे। इन्हें ही वीडियो क्लिक भी भेजी थी।
कमरुज्जमा ने रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ में यह कहकर सबको चौंका दिया कि अगर उसकी गिरफ्तारी न होती तो असलहों की खेप आ गई होती। एटीएस ने जब यह पूछा कि क्या असलहे कश्मीर से रवाना कर दिये गये हैं? असलहे किस रास्ते से और कैसे आते? ऐसे ही कई सवालों का जवाब वह टाल गया। काफी कुरेदने पर भी वह चुप बैठा रहा। इसके बाद उसने कई सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। कमरुज्जमा से सरोजनीनगर, अनौरा स्थित एटीएस के नये मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है। एटीएस ने विशेषज्ञों की मदद से आतंकी के मोबाइल से डिलीट किये गये आडियो क्लिप भी ‘रिकवर’ कर लिये। आईजी असीम अरुण ने बताया कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) में वर्ष 2005 में जिस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग कर आतंकी घटना की गई थी, उसी तरह सिद्धि विनायक मंदिर में हमला करना था। इस बार कमरुज्जमा के आकाओं ने विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने से मना किया था। यही वजह थी कि रायफलें ज्यादा संख्या में मंगवाई जा रही थी। यह खुलासा कमरुज्जमा ने शनिवार को पूछताछ के दौरान किया। वहीं कमरुज्जमा से पूछताछ करने के लिये असम पुलिस भी शनिवार को लखनऊ पहुंच गई। यह टीम अभी आतंकी से पूछताछ नहीं कर सकी है।

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