भोपाल, प्रदेश का जनजातीय कार्य विभाग इस साल दस हजार शिक्षकों की भर्ती करेगा। विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरु कर दी है। प्रदेश के आदिवासी बहुल 89 विकासखंड है जिनमें संचालित होने वाले सरकारी स्कूलों के लिए जनजातीय कार्य विभाग इस बार अलग से शिक्षकों की भर्ती करेगा। वर्तमान में विभाग भर्ती नियम तैयार कर रहा है, जो वित्त और विधि विभाग की सहमति के बाद प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को भेजे जाएंगे। पहले चरण में 10 हजार पदों पर भर्ती हो सकती है। प्रदेश में पहली बार दोनों विभाग शिक्षकों की चयन परीक्षा अलग-अलग आयोजित करा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग हाल ही में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 17 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू का चुका है। पीईबी ने इसका विज्ञापन जारी कर दिया है। अब जनजातीय कार्य विभाग तैयारी कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि आदिवासी बहुल 89 विकासखंडों में पहले चरण में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की तैयारी है। ये शिक्षक विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में ही पढ़ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने अध्यापकों का स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग में संविलियन किया है। इसलिए दोनों विभाग अलग-अलग भर्ती कर रहे हैं। इससे पहले शिक्षक चयन परीक्षा स्कूल शिक्षा विभाग कराता आया है। सिर्फ नियुक्ति प्रक्रिया स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास एवं आवास विभाग विभाग अलग-अलग करते थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि सरकार को दोनों विभागों में 60 हजार शिक्षकों की भर्ती करनी है। इनमें से 30 हजार शिक्षकों की भर्ती इसी साल की जा रही है, जबकि शेष 30 हजार की भर्ती अगले साल होगी। उस भर्ती में भी इस साल परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे।अब माध्यमिक शिक्षकों के भर्ती नियम पीईबी भेजने की तैयारी चल रही है। नियम पहुंचने के बाद पीईबी परीक्षा कार्यक्रम तय कर विज्ञापन जारी करेगा। वहीं प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती अगले साल तक टलने की आशंका है। दरअसल, इन पदों पर भर्ती के लिए विभाग ने अभी काम ही शुरू नहीं किया है। शिक्षकों की चयन परीक्षा का परिणाम दो साल मान्य रहेगा।