नई दिल्ली, कलकत्ता हाई कोर्ट के जज सी एस करनन के खिलाफ शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को जमानती वॉरंट जारी किया है। उन्हें अदालत की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को अदालत में पेश होने का आदश दिया था।
इसके लिए सात जजों की पीठ गठित की गई थी,लेकिन वह उसक सामने आज भी पेश नहीं हुए। जिससे करनन के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी करने के आदश दिए गए। अब उन्हें 31 मार्च को आदलत के सामने पेश होना पड़ेगा।
हाई कोर्ट जज के खिलाफ पद पर रहते अवमानना का मामला यह पहला ही है। जबकि शीर्ष अदालत को उन्हें बुलाने के लिए जमानती वारंट जारी करना पड़ा है। गौरतलब है इसके पहले 8 फरवरी को उन्हें नोटिस जारी कर 13 फरवरी को अदालत में हाजिर होने को कहा गया था। उनके न्यायिक और प्रशासनिक अधिकार भी रोक दिए गए थे।
13 फरवरी को जब वह सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए, तब अदालत ने कहा कि मामला गंभीर है हम उनसे कुछ सवाल पूछ कर जवाब चाहते है। लेकिन सुनवाई के दौरान न तो वह पेश हुए और न ही उनकी ओर से कोई वकील आया है। तब 10 मार्च की तारीख तय कर दी थी। पत्र के माध्यम से उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें दलित होने के कारण प्रताड़ित होना पड़ा है ऐसे में मामले को संसद को रेफर कर देना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री से करीब 20 वर्तमान और रिटायर्ड जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर कार्रवाई की मांग की है। अब अदालत ने जमानती वॉऱंट डीजीपी के जरिए तामील कराने को कहा है।