भोपाल, मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के बजट में 2012-13 की तुलना में अब 114 प्रतिशत से अधिक का इजाफा किया गया है। इस वर्ष 2017-18 में विभाग के कुल बजट में 19 हजार 872 करोड़ 89 लाख का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में वर्ष 2017-18 में 520 हाई स्कूल,240 हायर सेकेण्डरी नवीन स्कूलों की स्थापना की जायेगी। स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था के लिये 36 हजार शिक्षकों की भर्ती की जायेगी। प्रदेश में भवनविहीन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं के भवन के लिये वर्ष 2017-18 में 214 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार दिव्यांग विद्यार्थियों के कल्याण के लिये संवेदनशील रही है। पिछले वर्ष 3 संभाग भोपाल,इंदौर और रीवा में छात्रावास स्वीकृत किये गये थे। वर्ष 2017-18 में अन्य संभागों में छात्रावासों की स्थापना के लिये 4 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह
सदन में आज अपने विभाग से संबंधित अनुदान माँगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर शाह ने सदन को बताया कि सरकारी स्कूलों में बिजली की व्यवस्था के
लिये मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना में 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्कूलों की
प्रयोगशालाओं में उपकरण के लिये 27 करोड़ और माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर के लिये 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी शाला भवनों की मरम्मत के लिये 45 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रायवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिये प्रदेश में अगले शिक्षण सत्र से फीस रेग्यूलेशन एक्ट को क्रियान्वित किया जायेगा। इसके साथ ही आगामी सत्र से कक्षा-6 से 12वीं तक के विद्यालयों में ध्वजारोहण अनिवार्य किया जायेगा।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रायवेट शालाओं में
वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा-1 में प्रवेश के लिये 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गयी हैं। वर्ष 2016-17 में 8 लाख बच्चों को इसका लाभ दिलवाया गया है। नि:शुल्क प्रवेश लेने वाले बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति के लिये वर्ष 2017-18 में विभागीय बजट में 214 रुपये का प्रावधान किया गया है।
स्कूल में कक्षा-6 एवं 9 में पढऩे वाले बालक-बालिकाओं को साइकिलें दी जा रही हैं। वर्ष 2017-18 में इसके लिये 225 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विभाग का प्रयास रहेगा कि साइकिलें शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ में ही वितरित की जायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल की बोर्ड की परीक्षा
में मिलने वाली अंक-सूची गुम जाने पर दूसरी प्रतिलिपि उपलब्ध करवाने के लिये ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है। महर्षि पतंजलि संस्थान ने महिला पंडितों को तैयार करने, ज्योतिष और वास्तु-शास्त्र का ज्ञान देने के लिये पाठ्यक्रम शुरू किये हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को अब जिल्द वाली ही पुस्तकें वितरित की जायेंगी। इनका उपयोग दो वर्ष किया जायेगा। इससे जो राशि बचेगी उससे स्कूल में फर्नीचर उपलब्ध करवाया जायेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह के उत्तर के बाद सदन ने उनके विभागों से संबंधित 12 हजार 625 करोड़ 13 लाख 71 हजार की अनुदान माँगे ध्वनि मत से पारित कर दीं।