भोपाल,देश मे सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले वाले राज्य मध्यप्रदेश ने इसका तोड निकालते हुए आईपीसी में नई धारा का प्रावधान किया है। इस नई धारा के चलते अब शादी का झांसा और लिवइन के दौरान संबंध बनाने और बाद में शादी नहीं करने के मामले अब दुष्कर्म की धाराओं में दर्ज नहीं होंगे। इनके लिए आईपीसी में अब नई धारा 493 क शामिल हो गई है। ये मामले अब इसी धारा में दर्ज होंगे। जानकारी के अनुसार अब शादी का झांसा देकर या लिवइन मे रहने के दौरान बने शारिरीक सबेधो कि शिकायतो के प्रकरणो को जमानती अपराध माना जाएगा और ट्रायल भी सेशन कोर्ट के बजाय जेएमएफसी की कोर्ट में चलेगा। गौरतलब है कि दुष्कर्म की धारा में जहां अधिकतम सजा 10 साल है, वहीं इस धारा में अपराध साबित होने पर अधिकतम सजा तीन साल मिलेगी। साथ ही जुर्माना भी लगेगा। नई धारा को लेकर राजपत्र में प्रकाशन भी हो गया है। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने या शादी के नाम पर लिवइन में रहने वाले मामलों में पुलिस अब तक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 में प्रकरण दर्ज करती थी। यह गैरजमानती धारा है और इसकी सुनवाई सेशन कोर्ट में चलती है। कानूनी जानकारो का मानना है कि आईपीसी में नई धारा शामिल होने के बाद ऐसे मामलों पर रोक लगाने में के साथ ही दुष्कर्म के झूठे मामलों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि कई बार झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाकर ब्लैकमेलिंग की बात भी सामने आती है। नई धारा शामिल होने से सही तथ्य कोर्ट के सामने आ सकेंगे वहीं धारा जमानती होने से झूठे मामलों पर रोक लगेगी।