भोपाल,अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बुधवार को विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के रोजगार के लिए हर जिले में मेलों का आयोजन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि समाज और सरकार दोनों को महिला सशक्तिकरण के लिये काम करना होगा। भारत में बेटियों, बहनों और माताओं को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। नारी का सम्मान करना भारत की संस्कृति है। केवल एक दिन महिला दिवस को मनाने से बेहतर है हर दिन महिलाओं के सम्मान को समर्पित होना चाहिए। उन्होंने महिला दिवस पर माताओं, बहनों, बेटियों को शुभकामनाएँ दी।
चौहान ने कहा कि आज भी समाज पुरूष प्रधान है। उन्होंने कहा कि पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिये महिलाओं को हर क्षेत्र में नेतृत्व देना जरूरी है। उन्हें स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया हैं। आज वे पूरी दक्षता से प्रशासन चला रही है। पुलिस विभाग सहित अन्य सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेटों का जन्म चाहने की मानसिकता बदलने की जरूरत है।
विधान सभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा ने वैश्विक परिदृश्य की चर्चा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ भारत की संस्कृति को पहचानने और बचाने की पहल है।
मुख्यमंत्री ने जाग सखी पुस्तिका, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ब्रोशर और पोषण कैलेण्डर का विमोचन किया। अतिथियों को प्रतीक स्वरूप पोषण किट प्रदान किया गया।
जिलों का सम्मान
इस अवसर पर लिंगानुपात सुधारने के लिये विशेष प्रयास करने और उपलब्धि हासिल करने वाले जिलों के कलेक्टरों और आयुक्तों को भी सम्मानित किया गया । एक लाख रूपये का प्रथम पुरस्कार मुरैना जिले को, 60 हजार रूपये का द्वितीय पुरस्कार ग्वालियर को और 30 हजार रूपये का तृतीय पुरस्कार बालाघाट को दिया गया।
विधवा शब्द का चलन बंद हो
अचैना चिटनिस ने कहा कि विधवा शब्द महिलाओं की कमजोर छवि और बेबसी को इंगित करता है। इस छवि में सुधार और आत्म-विश्वास से परिपूर्ण छवि के निर्माण के लिये विधवा शब्द को चलन से बाहर करने की पहल राज्य से शुरू की जाए।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि भारत सरकार ने जिस प्रकार दिव्यांग शब्द का प्रचलन आरंभ किया है, उसी प्रकार विधवा महिलाओं के लिये भी सकारात्मक शब्द का उपयोग आरंभ होना चाहिये।
पोषण प्रदर्शनी
विधानसभा में पोषण जागरूकता पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगायी गयी। प्रदर्शनी में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध किफायती सामग्री से प्रोटीन तथा अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करने वाली खाद्य सामग्री प्रदर्शित की गई। कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल ने सोयाबीन से निर्मित स्वादिष्ट नमकीन, श्रीखंड तथा बच्चों के लिये रूचिकर सामग्री के स्टाल लगाये। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा सुरजना के बिस्कुट, आँवला चिप्स, बेर और अदरक का शरबत, महुआ की पूड़ी, जूस, अचार, मुनगा की बरफी, गुजिया, पकौड़ा तथा टेसू, हल्दी, पालक और सिंदूर से निर्मित हर्बल रंग भी बिक्री के लिये उपलब्ध करवाये गये।
16 महिला वनकर्मियों का सम्मान
इधर,दक्षिण वन मंडल पन्ना में 16 महिला वनकर्मियों को सम्मानित किया गया। इन महिलाओं ने कई मौके पर अपनी जान की परवाह न कर वन सम्पदा सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य किया है।