भोपाल,आदिवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित नवीन रंगप्रयोगों की श्रृँखला ‘अभिनयन’ के अन्तर्गत शुक्रवार को शेडो कल्चर एण्ड सोशल वेलफेयर सोसायटी (शेडो गु्रप), भोपाल के कलाकारो द्वारा मनोज नायर के निर्देशन में नाटक ‘ब्लादमीर का हीरो’ का मंचन किया गया। लियो टॉल्स्टॉय की कहानी गौड्स सीज़ ट्रथ बट वेट्स को मनोज नायर द्वारा नाट्य रूपांतरित एवं परिकल्पित किया गया है।
कथासार-
इवान नाम के व्यापारी को किसी के कत्ल के जुर्म में आजीवन कारावास हो जाती है और इत्त्फाकन 26 साल के बाद उसका सामना वास्तविक गुनाहगार से होता है। नाटक के सूत्रधार दयाल जिसकी कहानी सिर्फ कहानी नहीं बल्कि यथार्थ है। यह नाटक पारदर्शी, सहज और सच्चे बने रहने की व्यथा को प्रदर्शित करता है। नाटक के दो पात्र एक अतीत है, तो दूसरा वर्तमान।
सौ साल पुरानी यह कहानी आज भी प्रासंगिक है। ये बात अलग है, अब ऐसे इत्त्फाक कम ही होते हैं। नाटक में कलाकारों ने अपने अभिनयन से दर्शकों को अभिभूत किया और संप्रेषित भी।
मंच पर- अनिमेष श्रीवास्तव, शोभित खरे, गणपत पाठक, आलोक तायड़े, स्नेहा वशिष्ठ, अलैय ख़ान, अभि श्रीवास्तव, आदर्श ठस्सू और अनहद नायर।
मंच परेे- हारमोनियम और गायन-अमर सिंह, ताल वाद्य-मिलिंद दाभाड़े, परकशन-स्मिता नायर, आस्था, अंशल दुबे, रश्मि आचार्य और प्रकाश प्ररिकल्पना-धन्नूलाल सिन्हा ने पूरी दूरदर्शिता के साथ अपनी भूमिका निभाई।