भोपाल, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने गुरूवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में किसानों की आत्महत्या और कुपोषण के मामले उठाते हुए कहा कि यह शोध होना चाहिए कि प्रदेश में ग्रोथ रेट 20 प्रतिशत और जी डी पी 10 प्रतिशत होने के बावजूद देश में सबसे ज्यादा कुपोषण मध्यप्रदेश में क्यों हो रहा है
उन्हांने कहा कि प्रदेश में किसान सबसे ज्यादा बदहाल है। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा आत्महत्या पिछले सालों में किसानों ने की है। वह विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर बोल रहे थे, उन्होंने कहा कि प्रदेश को चार साल से कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है और कृषि के क्षेत्र में 20 प्रतिशत ग्रोथ रेट बताया जा रहा है लेकिन वह कहीं परिलक्षित नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को जीरो प्रतिशत पर मिलने वाला ब्याज समय पर न देने के कारण 40 प्रतिशत किसानों को 14 प्रतिशत पड रहा है और 40 प्रतिशत किसान डिफाल्टर हो रहे हैं ।कृषि को लाभ का धंधा बनाने की बात हो रही है लेकिन इस सोयाबीन स्टेट में सोयाबीन के एक भी साल्वेंट डिस्ट्रेशन प्लांट चालू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भी हमसे बेहतर है जो हमसे ही विभाजित होकर अस्तित्व में आया है। सिंह ने प्रदेश में बढती हुई बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2012-13 में 1.8 प्रतिशत बेरोजगारी 2013-14 में 2 प्रतिशत और 2015-16 में 3 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने आदिवासी विकास में उदासीनता, स्मार्ट सिटी,
मास्टर प्लान का लंबित रहना और आनन्द मंत्रालय का मुद्दा भी अपने भाषण के दौरान उठाया।