अहमदाबाद,सूरत की एक अदालत ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दर्ज कराए गए सीमा शुल्क चोरी के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएच कपाड़िया ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया क्योंकि नीरव मोदी अदालती सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुआ। वह फरार है। मार्च में मुम्बई डीआरआई ने 890 करोड़ रुपये के हीरे और मोती कथित रुप से घरेलू बाजार में बेचने को लेकर मोदी और सूरत विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित उसकी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ये बेशकीमती चीजें निर्यात के लिए थीं। सेज नियमों के अनुसार सेज की इकाइयों को वस्तुओं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति तभी दी जाती है तब उनका उपयोग कच्चे माल के तौर करना हो और मूल्यवर्धन या प्रसंस्करण के बाद ही उसे निर्यात किया जाना हो।
डीआरआई ने आरोप लगाया कि मोदी ने ऊंचे दाम वाले हीरे एवं मोती सेज की अपनी इकाइयों के माध्यम से आयात किये थे और उन्हें घरेलू बाजार में बेच दिए थे। सीमाशुल्क से बचने के लिए नीरव मोदी ने कम गुणवत्ता वाले हीरे और मोदी निर्यात कर दिये और दावा किया कि ये वे ही हीरे मोती है जिन्हें उसने पहले आयात किये थे और जिनका प्रसंस्करण किया। डीआरआई के अनुसार इसकी वजह से 52 करोड़ रुपये की सीमाशुल्क चोरी हुई।
सीमा शुल्क चोरी के मामले में सूरत की अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट
