नई दिल्ली,अगुस्टा हेलिकॉप्टर मामले में भारत को झटका लगा है, इटली ने बिचौलिए कार्लो गेरोसा के सौंपने से इनकार कर दिया है। यूपीए सरकार के समय 3727 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगुस्टा वेस्टलैंड मामले में सीबीआई ने पिछले साल नवंबर के पहले सप्ताह में इटली को गेरोसा के प्रत्यर्पण के संबंध में निवेदन भेजा था। सीबीआई द्वारा जारी किए किए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) के बाद गेरोसा को पिछली साल इचली में गिरफ्तार किया गया था।
गेरोसा के प्रत्यर्पण से जुड़ी खबर की पुष्टि करते हुए सीबीआई के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक वे विदेश मंत्रालय के माध्यम से इस मामले को फिर से इटली के सामने उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश करने के लिए गेरोसा को भारत लाया जाना जरूरी है। गेरोसा नाम का यह बिचौलिया इस मामले में काफी अहम है। भारतीय नेताओं, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठों, एयरफोर्स के अधिकारियों के अलावा पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी व उनके परिवार को कथित तौर पर रिश्वत खिलाने के पूरे षडयंत्र में गेरोसा शामिल रहा था। आरोप हैं कि इटली की फर्म अगुस्टा वेस्टलैंड को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की गई। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि गेरोसा अपने सहयोगियों बिचोलिए गुइडो हास्चके, ब्रिटेन के बिचौलिया क्रिश्यिचन माइकल और इस घोटाले में पूरे मनी ट्रेल से जुड़ी अहम जानकारियां दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गेरोसा ही रिश्वतखोरी में इस्तेमाल होने वाले पैसे की व्यवस्था देखने से लेकर एयरफोर्स के अधिकारियों व अगुस्टा के कर्मियों की मुलाकात भी करवाता था। जानकारी के अनुसार गेरोसा उन कई शेल कंपनियों का डायरेक्टर भी था जिनके माध्यम से इटली से पैसा भारत आया।
सीबीआई का कहना है कि उन्होंने चार्जशीट, बयान, टेक्निकल सबूत समेत सारे अहम दस्तावेजों के साथ प्रत्यर्पण की मांग की थी। उनका कहना है कि ऐसे में इटली को इस आवेदन का सम्मान करना चाहिए था। गेरोसा के पास स्विटजरलैंड का पासपोर्ट है और अधिकारियों को लगता है कि इटली ने शायद इसी वजह से प्रत्यर्पण के आवेदन को खारिज किया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि गेरोसा इस पूरे मामले में पहले दिन से ही शामिल था। सितंबर में दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि गेरोसा ही वह शख्स था जिसने हास्चके के साथ मिलकर अगुस्टा को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए वायुसेना के संपर्कों के साथ पहली बैठक शुरू की। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि 2004 में संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी ने खुद को अपने परिवार के साथ वीआईपी हेलिकॉप्टरों के सौदे की बोलियों के लिए हास्चके के सामने पेश किया। उनसे हास्चके से पूछा कि क्या उसके पास ईएडीएस (यूरोपियन एयरोनॉटिक डिफेंस ऐंड स्पेस कंपनी), यूरोकॉप्टर हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का कोई कॉन्टैक्ट है। चार्जशीट के मुताबिक त्यागी बंधुओं ने हास्चके को यह भी बताया कि उनके चचेरे भाई एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) एसपी त्यागी जल्द ही चीफ ऑफ एयर स्टाफ बन जाएंगे।
भारत को झटका, अगुस्टा हेलिकॉप्टर मामले में बिचौलिए कार्लो के प्रत्यर्पण से इटली का इनकार
