नई दिल्ली, बैंकों से लोन लेकर देश से फरार भगौड़ा विजय माल्या ब्रिटैन में भारतीय बैंकों द्वारा फाइल किया गया मुकदमा हार गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक व्यापक स्तर पर की गई धांधली के आरोपों के बीच बैंकों ने माल्या के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया था।
लंदन में जज एंड्र्यू हेनशॉ ने मंगलवार को कहा कि IDBI बैंक समेत लेंडर्स भारतीय कोर्ट के फैसले को लागू कर सकते हैं, जिसमें माल्या पर आरोप लगा था कि उसने जानबूझकर अब बंद पड़ी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए करीब 1.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। जज ने माल्या की संपत्तियों को दुनियाभर में फ्रीज करने का आदेश पलटने की मांग भी ठुकरा दी।
ज्ञात रहे कि 62 वर्षीय माल्या यूके में ही नहीं भारत में भी कई मुकदमों का सामना कर रहा है, जिसमें फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़े केस शामिल हैं। एक साल पहले उसे लंदन में गिरफ्तार किया गया था और अब वह प्रत्यर्पण से बचने के लिए एक अन्य कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
माल्या की संपत्ति कुर्क करने नया आदेश जारी
दिल्ली की एक अदालत ने भगोड़े विजय माल्या की संपत्ति कुर्क करने के लिए नया आदेश जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से विशेष अभियोजक एन के माट्टा ने अदालत को बताया कि संपत्ति कुर्क करने वाले अधिकारियों की तरफ से निदेशालय को किसी तरह का जवाब नहीं मिला है, जिसके बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने विदेशी मुद्रा नियमन अधिनियम ( फेरा ) के उल्लंघन से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में यह आदेश दिया। अदालत ने माट्टा की दलीलों को दर्ज किया और मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को तय की है।
अदालत ने 27 मार्च को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के माध्यम से संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया था। और आदेश के अनुपालन के संबंध में मंगलवार को एक रिपोर्ट जमा कराने को कहा था। यह आदेश निदेशालय के एक आवेदन पर दिया गया था, जिसमें उसने माल्या की संपत्ति कुर्क करने की इजाजत मांगी थी। ज्ञात रहे कि अदालत ने बार – बार समन भेजने के बाद भी उसके समक्ष पेश नहीं होने पर 4 जनवरी को माल्या को एक घोषित अपराधी माना था।