नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 43वीं मन की बात कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद के उपदेशों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। विश्वभर में रमजान का महीना पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाया जाता है। रोजे का सामूहिक पहलू यह है कि जब इंसान खुद भूखा होता है, तो उसे दूसरों की भूख का अहसास होता है। जब वह खुद प्यासा रहता है, तो उसे दूसरों की भी प्यास का अहसास रहता है। पैगंबर साहब की शिक्षा और उनके संदेश को याद करने का यह अवसर है। एक बार एक इंसान ने पैगंबर साहब से पूछा कि इस्लाम में सबसे अच्छा कार्य कौन सा है? मोहम्मद साहब ने कहा कि किसी गरीब और जरूरतमंद को खिलाना और सभी से सद्भाव से मिलना भले ही आप उसे न जानते हो। मोदी ने कहा, पैगंबर साहब कहते थे कि अहंकार ही ज्ञान को पराजित करता है। वह कहते थे कि अगर आपके पास कोई चीज आवश्यकता से अधिक है, तो आप उसे दान दे दें। रमजान में दान का भी बड़ा महत्व है। उनका मानना था कि कोई व्यक्ति पवित्र आत्मा से बड़ा होता है न कि धन-दौलत से। पीएम ने रमजान की शुभकामनाएं भी दीं।
मन की बात में रमजान का जिक्र,मोदी ने कहा, जो खुद भूखा रहता है, उसे दूसरों की भूख का अहसास होता है
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