नई दिल्ली,भारी घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया की उड़ानों में बीच की सीटों के लिए अब अतिरिक्त भुगतान करना होगा। विमानन कंपनी ने अपनी आय बढ़ाने के क्रम में विमान के आगे और मध्य भाग की सीटों के लिए अतिरिक्त रुपए वसूलने की योजना बनाई है। यह व्यवस्था विमान के आगे के आधे के हिस्से पर ही लागू होगी।
ट्रैवल एजेंटों को भेजे पत्र में एयर इंडिया ने कहा कि विमान के अगले और मध्य के हिस्से में पड़ने वाली सीटें चाहने पर यात्रियों को अधिक भुगतान करना होगा। हालांकि पीछे की सीटों (नैरो बॉडी विमानों में 5वीं से 8वीं पंक्ति तथा वाइड बॉडी विमानों में 9वीं से 14वीं पंक्ति तक) की सभी सीटों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इनमें विंडो, आइल तथा मिडिल सीट शामिल हैं। डोमेस्टिक उड़ानों तथा नेपाल जैसी चुनिंदा इंटरनेशनल उड़ानों में मिडिल सीट के लिए 100 रुपए का शुल्क लिया जाएगा, जबकि ज्यादातर इंटरनेशनल उड़ानों में मिडिल सीट के लिए 200 रुपए वसूले जाएंगे।
शिशुओं वाली सीटें नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी। भुगतान पर पसंदीदा सीटों के चयन की सुविधा उड़ान से चार घंटे पहले तक उपलब्ध रहेगी। ज्यादातर विमानों में प्रत्येक पंक्ति में गलियारे के साथ तीन-तीन सीटों का युग्म होता है। जैसे ए, बी और सी तथा डी, ई और एफ। इनमें बीच वाली सीटों (बी और ई) को मिडिल सीट माना जाता है। आम तौर पर लोग बीच वाली सीट पर बैठना पसंद नहीं करते। लेकिन जिन यात्रियों के साथ बच्चे, बुजुर्ग या बीमार होते हैं वे अपने लिए बीच वाली सीट को प्राथमिकता देते हैं, ताकि बच्चे, बुजुर्ग या बीमार को विंडो अथवा आइल सीट मिले और उन्हें बार-बार वॉशरूम जाने में सहूलियत हो।
एयर इंडिया के एक अधिकारी के अनुसार बीच की सीटों के लिए शुल्क वसूलने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय चलन के अनुरूप है। अनेक अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनें ऐसा करती हैं। इससे एयर इंडिया की अतिरिक्त आमदनी में इजाफा होगा। अभी निर्धारित से अधिक वजन का सामान ले जाने वाले यात्रियों से एयर इंडिया को 100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी एडिशनल बैगेज अलाउंस के रूप में होती है। इसी तरह इकोनॉमी क्लास के यात्रियों को बिजनेस क्लास में अपग्रेड करने से 200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होती है।