कॉमनवेल्थ गेम्स में 26 गोल्ड के साथ कुल 66 पदक आये भारत की झोली में

गोल्ड कोस्ट,भारत की पुरुष युगल जोड़ी सात्विक साईराज रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी ने 21वें कामनवेल्थ गेम्स में अंतिम दिन रविवार को पुरुष युगल स्पर्धा के फाइनल में स्वर्ण पदक से चूक गए। हालांकि, इस जोड़ी ने रजत पदक हासिल कर इतिहास रचा है। चिराग और सात्विक की जोड़ी राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष युगल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली जोड़ी बन गई है। चिराग और सात्विक की जोड़ी को स्वर्ण पदक के लिए हुए मैच में 38 मिनट के भीतर इंग्लैंड की मार्कस ऐलिस और क्रिस लेंगरिज की जोड़ी ने सीधे गेमों में मात दी। इंग्लैंड की मार्कस और क्रिस की जोड़ी ने शुरुआत से ही सात्विक और चिराग पर दबाव बनाए हुए रखा था। इस तरह भारतीय जोड़ी कई अनफोर्स एरर कर रही थी। इसी कारण सात्विक-चिराग को 21-13 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरे गेम में भी भारतीय जोड़ी अपनी लय हासिल नहीं कर पाई। मार्कस और क्रिस ने इस गेम में भी अपनी बढ़त बनाए रखी और अंत में 21-16 से जीत हासिल की।
गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का शानदार सफर रविवार को समाप्त हो गया। भारत ने इन खेलों में 26 गोल्ड मेडल सहित कुल 66 (20 सिल्वर,20 ब्रॉन्ज) पदक जीते। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है। गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा। यहां भारत ने 15 खेलों में हिस्सा और 9 में मेडल जीते। भारत ने (26 गोल्ड,20 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज) मेडल हासिल किए। बता दें कि भारत ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे।
विभिन्न खेलों पर गौर करे तो भारत के लिए शूटिंग इवेंट काफी अच्छा रहा। शूटिंग में इस बार भारतीय निशानेबाजों ने 7 गोल्ड सहित कुल 16 मेडल जीते। अनीश भानवाला,मेहुली घोष और मनु भाकर जैसे युवा निशानेबाजों के अलावा हीना सिद्धू,जीतू राय और तेजस्विनी सावंत जैसी अनुभवी निशानेबाजों ने भी भारत के लिए पदक जीते। हालांकि, गगन नारंग के लिए यह कॉमनवेल्थ गेम्स भुलाने वाला रहा। वहीं भारत ने वेटलिफ्टिंग में कुल 9 पदक जीते। इसमें पांच गोल्ड,दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। मीराबाई चानू,संजीता चानू ने भारत को गोल्ड दिलाया। इसके अलावा पूनम यादव ने भी भारत के लिए सोने का तमगा हासिल किया। वेटलिफ्टिंग के बाद रेसलिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने निराश नहीं किया और भारत ने 5 गोल्ड,तीन सिल्वर और चार ब्रॉन्ज सहित कुल 12 मेडल अपने नाम किए। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, सुमित जैसे पहलवानों ने अपने-अपने भारवर्ग में भारत को पदक दिलाए। इसके साथ ही बैडमिंटन में भारत ने कुल 6 पदक जीते। भारत ने मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता व इसके साथ ही महिला एकल में भी साइना नेहवाल ने हम वतन पीवी सिंधु को हराकर सोना अपने नाम किया। पुरुष एकल मुकाबले में भारत के किदांबी श्रीकांत को फाइनल में ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मलेशिया के ली चेंग वेई से हार का सामना करना पड़ा। टेबल टेनिस में भारतीय महिला और पुरुष टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। इसके अलावा महिला एकल में मणिका बत्रा ने गोल्ड मेडल जीता। पुरुष युगल और महिला युगल मुकाबलों में भारत को सिल्वर मेडल मिला। बॉक्सिंग में भारत ने कुल 9 पदक जीते। इनमें तीन गोल्ड,तीन सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते। मैरी कॉम ने गोल्ड जीतकर दिखा गया कि उम्र प्रतिभा की मोहताज नहीं होती। उन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन कर देश और दुनिया में उनके लाखों प्रशंसकों का दिल जीत लिया। एथलेटिक्स में भारत को तीन पदक हासिल हुए। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। वहीं सीमा पूनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर और नवदीप ढिल्लो ने ब्रॉन्ज जीता। भारतीय हॉकी टीम के लिए सफर हालांकि अच्छा नहीं रहा। पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले हार गईं और खाली हाथ लौंटी।

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