नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच कायम गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जस्टिस जे. चेलमेश्वर के सवाल उठाने के बाद अब जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी चीफ जस्टिस को चिट्ठी है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र के रवैए पर नाराजगी जताई है। चिट्ठी में जस्टिस जोसेफ ने लिखा है कि महीनों पहले की गई कॉलेजियम की सिफारिशों पर सरकार कार्रवाई करने के बजाय चुपचाप फाइल दबाए बैठी है। अब समय आ गया है कि इस बाबत सुप्रीम कोर्ट सरकार से सवाल पूछे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की साख भी दांव पर लगी है। उन्होंने लिखा कि जस्टिस कर्णन के मामले की तरह तुरंत सात जजों की पीठ का गठन कर आदेश जारी करने की जरूरत है। अगर अब भी हम यानी कोर्ट चुप बैठा रहा तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। जस्टिस जोसफ ने जस्टिस के एम जोसफ और इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की फरवरी में भेजी सिफारिशों पर सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता पर निशाना साधते हुए इसे सबसे बड़ी अदालत के अधिकार और शक्ति को दी जा रही चुनौती बताया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को नौ अप्रैल को लिखे इस पत्र की कॉपी सुप्रीम कोर्ट के अन्य सभी 21 जज़ों को भी भेजी गई है।