भोपाल,आठ महिनों बाद भी हिन्दी के प्रख्यात गजलकार दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय को अफसरों की लापरवाही से भवन आवंटित नहीं हो सका। हालांकि, इसकी मुख्य वजह अंदरूनी खींचतान को माना जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय के उच्च अधिकारियों से लेकर संपदा विभाग ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया। दुष्यंत कुमार की यादों का पिटारा लिए यह संग्रहालय शिवाजी नगर स्थित डी-102/17 में शिफ्ट होना तय हुआ, लेकिन यह स्थान एक पूर्व न्यायाधीश को आवंटित कर दिया गया। इससे संग्रहालय की शिफ्टिंग एक बार फिर से अधर में लटक गई। टीटी नगर एसडीएम संजय श्रीवास्तव का कहना है कि संग्रहालय को भवन आवंटन का निर्णय उच्च अधिकारी और संपदा विभाग की ओर से लिया जाएगा, जबकि इसके पूर्व भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर संग्रहालय को शिवाजी नगर स्थित डी-102/17 बंगला आवंटित करने की बात कह चुका है।
संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने बताया कि शिवाजी नगर स्थित डी-102/17 में संग्रहालय शिफ्ट होना था, लेकिन अब वह किसी और को आवंटित कर दिया गया है। संग्रहालय पर पौने चार लाख रुपए की रिकवरी भी निकाली गई, जो कि 22 मार्च को जमा करा दी गई। इसके बावजूद भी संग्रहालय की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए स्थान उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि पिछले 8 महीनों में संग्रहालय के कार्यक्रम और अन्य गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। संग्रहालय के पदाधिकारियों ने दुष्यंत कुमार से जुड़ी पाण्डुलिपियां, किताबें, सहित उनकी धरोहरों को लगभग समेट लिया है। संग्रहालय के नियमित और अन्य कार्यक्रम कब शुरू हो पाएंगे कहना मुश्किल है? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नया संग्रहालय बनाने की घोषणा 14 सितंबर 2017 को की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक संग्रहालय बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक संग्रहालय की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
दुष्यंत कुमार की पाण्डुलिपियों को नहीं मिला आशियाना,अब तक भवन आवंटन की बाट जोह रहा
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