भोपाल,भूमिहीनों को आवासीय पट्टों का वितरण को एक अभियान के रूप में संचालित किया जाये। सितम्बर माह के अंत तक प्रदेश में एक भी पात्र भूमिहीन शेष नहीं रहना चाहिये। यह निर्देश मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिये। मुख्यमंत्री राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर शिवराज सिंह ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये प्रदेश में चलाए गए विशेष अभियान के तहत 12 लाख से अधिक नामांतरण और बंटवारा के प्रकरणों का तथा एक लाख से अधिक सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। साढ़े चार करोड़ से अधिक नि: शुल्क खसरे और बी-1 की प्रतियों का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है। इस वर्ष सूखा राहत के लिये 1880 करोड़ तथा ओला वृष्टि राहत के लिये 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों की सहायता राशि न्यूनतम सीमा दो हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये तथा अधिकतम सीमा 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रुपये की गयी है। भू-राजस्व संहिता में संशोधन के सुझाव के लिये प्रारूपण समिति गठित की गई है।
एक भी प्रकरण लंबित नहीं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग ने आम लोगों के हित में सकारात्मक कार्य किया है। विभाग ने निर्धारित लक्ष्य को चुनौती के रूप में स्वीकार कर बेहतर परिणाम दिये हैं। बताया गया कि एक माह से अधिक लंबित अविवादित नामांतरण-बँटवारा प्रकरणों पर एक लाख रूपये के इनाम की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में एक भी प्रकरण नहीं मिला। विभाग के लिये निर्धारित आगामी लक्ष्य भी समय-सीमा में पूरे किये जायें।
वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में जल्द करें परिवर्तित
विभिन्न शासकीय उपक्रमों को भूमि आवंटन के प्रकरणों के परीक्षण का कार्य मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति करें। पूर्व में विभिन्न शासकीय उपक्रमों को आवंटित भूमि की उपयुक्तता के बारे में भी यह समिति परीक्षण करेगी। नक्शे और खसरों की त्रुटियों को दूर करने का विशेष अभियान चलाया जाये। वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाये।
राजस्व विभाग की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
नजूल के पट्टों के नवीनीकरण और दरों का सरलीकरण किया जायेगा। आम नागरिकों को भू-राजस्व, नजूल रेंट, प्रीमियम के भुगतान के लिये सरल ऑनलाईन सुविधा शुरू की जाएगी। किसान ऐप के माध्यम से किसानों को भूमि के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। पटवारियों को संपूर्ण कार्य ऑनलाईन करने के लिये लेपटॉप दिये जायेंगे। पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों और लिपिकों के लिये नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा 21 वर्षों के अंतराल के बाद आगामी जून माह में आयोजित की जायेगी। राजस्व विभाग की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन की जायेगी। विभाग ‘कहीं भी-कभी भीÓ भू-अभिलेख उपलब्ध करवाने की सुविधा आम नागरिकों को उपलब्ध करायेगा। भूमिहीन कोटवारों के मानदेय में वृद्धि की जायेगी।