भोपाल,बैंक के कर्ज लेने में होने वाले फर्जीवाडा को रोकने सहकारिता विभाग ने फरमान जारी किया है कि ‘एक बैंक एक किसान’ प्रणाली लागू होगी। इससे किसान एक ही बैंक से कर्ज हासिल कर पाएगा। अगर दूसरे बैंक में कर्ज लेने जाएगा तो आधार लिंक से जुड़े होने पर पकड़ा जाएगा और किसान का प्रस्ताव निरस्त होगा। मालूम हो कि सहकारी समितियों के प्रबंधक और बैंक अफसरों की सांठगांठ से किसानों को एक से अधिक बैंकों से ऋण मिल जाता है, जबकि सहकारिता विभाग के निर्देश हैं कि एक किसान को एक बैंक से ही कर्ज मिलेगा। इस फर्जीवाडे को रोकने के लिए अब हर किसान को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे किसान जैसे ही एक से अधिक बैंक से ऋण लेने का प्रयास करेगा वैसे ही पकड़ा जाएगा और उसका प्रस्ताव निरस्त कर दिया जाएगा। किसानों को लोन देने के लिए सहकारी बैंकों को नाबार्ड से कर्ज लेना होता है। नाबार्ड को साढ़े बारह हजार करोड़ चुकाना है। विभाग को भरोसा है कि किसानों से 6 हजार करोड़ मिले तो अगले साल डेढ़ गुना अधिक कर्ज मिलेगा। वर्ष 2023 तक किसानों को 25 हजार करोड़ तक का कर्ज देने का लक्ष्य तय किया गया है। उधर, एपेक्स बैंक ने छतरपुर जिले के बड़ामलहरा में हुए करोड़ों के लोन घोटाला मामले में फिर से जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए शीर्ष बैंक के ओएसडी महेन्द्र दीक्षित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित हुई है। यह टीम आयुक्त सहकारिता और बैंक प्रबंधन द्वारा कराई गई जांच का परीक्षण करेंगे तथा बड़ामलहरा सहित जिले की अन्य ब्रांचों में संभावित घोटालों को टटोलेगी। गौरतलब है कि सहकारिता विभाग को करीब 17 लाख डिफाल्टर किसानों से 9 हजार करोड़ की वसूली करना है। इनमें कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने एक से अधिक बैंकों से कर्ज ले रखा है। डिफाल्टर किसानों से मूलधन वापस लेने के लिए सरकार ने समाधान योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। यानि किसानों का करीब तीन हजार करोड़ ब्याज माफ करने का निर्णय लिया गया है।
सहकारिता में लागू होगी ‘एक बैंक एक किसान’ प्रणाली,एक ही बैंक से कर्ज हासिल कर पाएगा किसान
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